Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी में अब तक 1,67,543 मरीज कोरोना से हुए पूरी तरह से ठीक

Published

on

Loading

उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 6,233 नए मामले आए हैं। प्रदेश में 54,666 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर साथ रखें। यदि किसी को खांसी, बुखार या सांस फूले तो तत्काल हेल्पलाइन नं. 18001805145 पर सम्पर्क करें।

अनलॉक-4 में भी नहीं खुलेंगे स्कूल और कॉलेज, गाइडलाइंस जारी

कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल, एक दिन में 1,39,454 सैम्पलों की जांच की गई। प्रदेश में अब तक कुल 54,90,354 सैम्पलों की जांच की गई हैं।अगस्त माह का पॉजिटिव रेट 4.7 प्रतिशत है, जो अब तक का सर्वाधिक है। कानपुर, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, लखनऊ तथा कुशीनगर में सबसे अधिक पॉजिटिव रेट पाया गया है।

प्रदेश में वर्तमान में 50 प्रतिशत से अधिक लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में अब तक 1,67,543 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं।जिसमें 27,364 मरीज होम आइसोलेशन, 2963 लोग प्राइवेट हास्पिटल में तथा 256 मरीज सेमी पेड फैसिलिटी में तथा इसके अतिरिक्त शेष कोरोना संक्रमित एल-1, एल-2, एल-3 के कोरोना अस्पतालों में हैं।

#corona #covid19 #uttarpradesh #yogiadityanath

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending