नेशनल
कोरोना से पिछले 24 घंटों में 4,120 लोगों ने तोड़ा दम, नए केस 3 लाख 62 हजार के पार
नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों में 3 लाख 62 हजार 727 नए केस सामने आए हैं, जिसके बाद देश में कुल कोरोना संक्रमण के मामले 2,37,03,665 पहुंच गए हैं, जबकि इस बीमारी से ठीक होने वालों की तादाद 1,97,34,823 हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अपडेट के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में 4,120 ताजा मौतें दर्ज की गईं, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 2,58,317 हो गई है। सक्रिय मामलों की संख्या में देश में लगातार बढ़ती ही जा रही है। देश में कोविड-19 का सक्रिय केसलोड बढ़कर 37,10,525 हो गया है। हालांकि पिछले 24 घंटे में 3,52,181 लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं।
4120 नई मौतों में महाराष्ट्र के 816, पंजाब के 193, छत्तीसगढ के 153, केरल के 95, कर्नाटक के 516, तमिलनाडु के 293, दिल्ली के 300, हरियाणा के 165, मध्य प्रदेश के 84, यूपी के 326, पश्चिम बंगाल के 135 और आंध्र प्रदेश के 89 लोग शामिल हैं।
देश में अब तक कुल 258317 मौतें हुई हैं, जिनमें महाराष्ट्र से 78007, पंजाब से 11111, छत्तीसगढ़ से 11094, केरल से 6053, कर्नाटक से 20368, तमिलनाडु से 16471, दिल्ली से 20310, हरियाणा से 6075, मध्य प्रदेश से 6679, उत्तर प्रदेश से 16369, पश्चिम बंगाल से 12728 और आंध्र प्रदेश से 8988 मौतें हुई हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस के लिए कुल 30,94,48,585 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 18,64,594 लाख सैंपल कल टेस्ट किए गए।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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