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नेशनल

सीएम योगी का आलाधिकारियों को निर्देश, ठंड में कोई गरीब खुले में सोता हुआ न मिले

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लखनऊ। पूरे उत्तर भारत में मौसम का मिजाज बदला हुआ नजर आ रहा है। लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में सर्दी का सितम जारी है। कड़ाके की सर्दी ने लोगों का हाल बेहाल कर रखा है। ठंड को देखते हुए सीएम योगी ने आलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं की कोई भी खुले में सोता हुआ न पाए जाए।

एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुनिश्चित किया जाए कि सर्दी के इस मौसम में कोई व्यक्ति खुले में न सोए, गरीबों और निराश्रितों को शीतलहर में राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने रैन बसेरों की व्यवस्था की है।

इसके अलावा सीएम योगी ने अलाव की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए।

सभी जरूरतमंदों को रैन बसेरों में आश्रय प्रदान करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में सुरक्षा और स्वच्छता के समुचित प्रबन्ध किए जाएं, रैन बसेरों के संचालन में कोविड-19 के नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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