प्रादेशिक
उत्तराखंड में टूटा ग्लेशियर, सीएम योगी ने SDRF को हाई अलर्ट पर रहने का दिया निर्देश
लखनऊ। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूट गया। इस घटना से भारी नुकसान की आशंका है। जानकारी के मुताबिक रैणी गांव के पास ग्लेशियर टूटा है। प्रशासन की टीम राहत कार्य के लिए मौके पर रवाना हो चुकी है।
इस प्राकृतिक आपदा से कई ग्रामीणों के घर ध्वस्त हो गए हैं साथ ही 50 लोगों के बहने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल आईटीबीपी के 200 से ज्यादा जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। SDRG की 10 टीमें भी मौके पर पहुंचीं हैं। हरिद्वार, ऋषिकेष और श्रीनगर में अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घटना पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों एवं SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए हैं।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने उत्तराखंड में बांध के टूटने से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत प्रदेश में संबंधित विभागों, अधिकारियों एवं SDRF को हाई-अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) February 7, 2021
मुख्यमंत्री जी ने गंगा नदी के किनारे स्थित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) February 7, 2021
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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