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प्रादेशिक

सीएम योगी ने कोरोना से बचाव के लिए प्रदेशवासियों से की ये अपील

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके खतरनाक वायरस के बचाव के लिए लोगों से जारी हुए दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

उन्होंने होली की शुभकामना देते हुए कहा कि होली पर उमंग के साथ सतर्कता भी बहुत आवश्यक है। शनिवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में करीब 350 फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं जानीं और उन्हें त्वरित निराकरण का भरोसा दिया। गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही।

शिवावतारी महायोगी गुरु गोरक्षनाथ, अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा समक्ष पूजन अर्चन के बाद सीएम योगी ने मंदिर परिसर का भ्रमण कर वहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी को पंक्तिबद्ध कुर्सियों पर बैठाया गया था। सीएम योगी एक-एक कर खुद चलकर उनके पास पहुंचे और उनकी समस्याएं जानीं। उन्होंने सबसे पत्रक लिया और आश्वस्त किया कि समस्या का निराकरण जल्द करा दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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