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प्रादेशिक

सीएम योगी ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वैक्सीनेशन सेंटर का किया निरीक्षण

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के वैक्सीनेशन सेंटर का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके अलावा उन्होंने चरगावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीनेशन अभियान का भी निरीक्षण किया। बता दें कि सीएम योगी अपने दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में हैं।

सीएम योगी ने कहा कि देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर का मुकाबला कर रहा है। मार्गदर्शन में पूरे देश में कोरोना के खिलाफ मजबूती से अभियान चल रहा है, जिसके अपेक्षित परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। प्रदेश में एग्रेसिव ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ कैंपेन के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। पिछले 10 दिन में उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में एक्टिव केस कम हुए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर का मुकाबला उत्तर प्रदेश ने बेहतर तरीके से किया था, जिसके बेहतर परिणाम भी सामने आए थे। दूसरी लहर में भी यूपी सरकार उसी प्रबंधन के साथ काम कर रही है। गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों के जीवन को बचाने में यहां के डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, चिकित्सकों व हेल्थ वर्कर्स ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। इसी तरह पूरे प्रदेश में ऐसे कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया के तमाम एक्सपर्ट कहते थे कि प्रदेश में 05 से 10 मई के बीच में 1 लाख केस प्रतिदिन आएंगे। लेकिन ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ के एग्रेसिव अभियान का परिणाम है कि प्रदेश में कोविड-19 से पॉजिटिव होने वाले लोगों की संख्या कम है। हमने प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू के साथ निगरानी समितियों व RRT को विशेष अभियान के साथ जोड़ा है। हर ग्राम पंचायत में निगरानी समिति स्क्रीनिंग का काम कर रही है। लक्षणयुक्त लोगों को तत्काल मेडिकल किट पहुंचाई जा रही है। इसको ध्यान में रखते हुए यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति व बेड्स की संख्या बढ़ाई गई है व वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। AIIMS में वेंटिलेटर युक्त 200 बेड्स उपलब्ध कराए गए है।

सीएम ने कहा कि यहां पर गोरखपुर व बस्ती कमिश्नरी के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति टैंकर व ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से भी हुई है। गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा का प्रमुख केन्द्र है। बिहार की भी एक बड़ी आबादी यहां आती है। उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। प्रदेश में हम अभी तक लगभग 1.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा चुके हैं। आज से हमने प्रदेश में वैक्सीन के कार्यक्रम को और तेज कर दिया है।

नेशनल

जो राम को लाए है, वो ‘राम’ के भरोसे है

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कमल भार्गव

एक बरसों पुराना मशहूर भजन है ‘तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करें ..’। इन दिनों चल रहे चुनावी माहौल में इस भजन को कई मायनों में सटीक माना जा सकता है। पहला भारतीय जनता पार्टी द्वारा बीती जनवरी में अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति स्थापित कर एक मास्टर स्ट्रोक खेलना तो दूसरी तरफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश खास तौर पर मेरठ में भगवान राम का किरदार रुपहले पर्दे पर निभाने वाले अरुण गोविल को मरेठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर अपना उम्मीदवार बना कर माहौल को राममय करने की कवायद की है।

देखा गया है कि बीजेपी खास तौर पर मोदी-शाह के फैसले ज्यादातर चौंकाने वाले होते रहे है। एक बार फिर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर हैट्रीक लगाने वाले मौजूदा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल का टिकट काट कर रुपहले पर्दे के ‘राम’ अक्का अरुण चन्द्रप्रकाश गोविल को अपना प्रत्याशी घोषित कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। काफी हद तक को महानगर कि जनता को यह समझ नहीं आ रहा कि पार्टी का ये फैसला सही है या गलत है। हर किसी के अपने-अपने तर्क है। शहर की जनता का मानना है कि जो मिजाज और लोगों को एक स्थानीय नेता समझ सकता है वो एक बाहरी समझ से परे हो सकता है। देखा जाए तो ये तर्क इस लिए भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि सन 1952 से लेकर अब तक के लगभग सोलह लोक सभा चुनावों में से दस बार बाहरी प्रत्याशी ने इस सीट का नेतृत्व किया है। इसमें वर्ष 1951, 1957, 1962 व 1971 के चुनाव में शाह नवाज खान सांसद के तौर पर शामिल है। इसी प्रकार छठी, सातवीं व आठवीं लोक सभा में एक बार फिर से कांग्रेस कि कद्दावर नेत्री महोसिना किदवई को प्रत्याशी बना गया था और उन्होंने बाहरी प्रत्याशी के तौर पर तीनों बार चुनाव में जीते हासिल की थी। वहीं सन 1999 में भी कांग्रेस ने अवतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था ओर वो इस सीट से सांसद चुने गए थे।

ऐसे में एक बार फिर मौजूदा रुलिंग पार्टी ने टीवी धारावाहिक रामायण के राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को मैदान में उतारा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव हो चुका है। अब सभी की निगाह दूसरे चरण पर है। भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही अपनी चुनावी अगाज पिछले कई चुनावों में करती आ रही है। इस बार पीए मोदी ने नारा दिया है ‘अब की बार चार सौ पार’। कहा जा सकता है कि भाजपा इस क्षेत्र में कोई चांस लेना नहीं चाहती है और खास तौर पर पहले और दूसरे चरण में अपनी पार्टी के लिए बढ़त बनने की पूरी कोशिश कर रही है। काफी हद तक माना जा रहा है कि मजबूत दावेदारी और प्रत्याशियों के मान मनोवल के लिए मेरठ अकेले में प्रधानमंत्री मोदी एक बार तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मात्र लगभग दो से तीन सप्ताह के अंतराल में तीन जन सभा तो एक सम्मेलन को समबोधित कर चुके है।

एक नजर राजनीतिक समीकरण पर डाले तो मेरठ समेत वेस्ट यूपी में किसान और गन्ना एक बड़ा मुद्दा रहा है, ऐसे में इस क्षेत्र को जाट लैंड के तौर पर भी माना जाता है। बाकी हर चुनाव में मतदान से पहले धर्म और जाति के नाम पर ध्रुवीकरण होना एक आम धारना है। 2024 के रण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक राहत तो सत्ताधारी पार्टी के लिए कम से कम है और वो है आखिर में राष्ट्रीय लोक दल से गठबंधन होना। माना जा सकता है कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा जाना और जंयत चौधरी का साथ कही ना कही किसान और जाटों को एक जुट करने में मददगार साबित होगी। पर एकाएक ठाकुरों का एकाएक बीजेपी से नाराजगी जताना और दूरी बनाना भी एक चिंता का विषय बना हुआ है।

लेकिन अब सवाल है दलित – मुस्लिम – हिन्दू वोट बैंक का। इस बार के चुनाव में बीजेपी और आरएलडी एक साथ है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन चुनावी मैदान में है, तो वही मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी अकेले ही मोर्चा सँभाले हुए है। इसे रणनीति कहा जाए जा फिर सोची समझी चाल कि मेरठ – हापुड सीट पर किसी भी पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारा है। देखा जाए तो शायद ये ऐसा पहले मौका होगा। अब तक ये देखा गया है कि आखिर में चुनाव मेरठ और आसपास के शहरों में हिन्दू – मुसलिम के नाम ही होता रहा है। ऐसे में वोट धर्म – जात बिरादरी के नाम पर बिखरता नजर आ रहा है। माना जा सकता है कि मुस्लिम काफी हद तक समाजवादी पार्टी के तरफ जा सकता है तो दलित बहुजन समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य दलों में बट सकता है। भगवा पार्टी को उम्मीद है कि उसके पक्ष में हर वर्ग जाति और समाज का वोटर है। ऐसे में ‘राम’ की एंट्री को बीजेपी अपना तुरप का इक्का मान रही है। पार्टी से जुड़े लोगों की माने तो ‘राम जी’ के आने से ना सिर्फ मेरठ में फर्क पड़ेगा बल्कि सम्पूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राम लहर देखी जा सकेगी।

‘राम’ के सक्रिय राजनीति में आने से अब पीएम मोदी और सीएम से लेकर पार्टी का हर छोटा और बड़ा कार्यकर्ता इसे अपनी प्रतिष्ठा मान रहा है। देखा जाए तो हर स्तर पर राम यानी अरुण गोविल के लिए जन सभा और समर्पक, रोड शो की जा रही है। लेकिन ऐसे में स्थानीय की जगह बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतरना और ‘राम’ बाण का चलाना कितना सफल रहेगा ये तो वक्त ही बताएगा।

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