प्रादेशिक
72वें गणतंत्र दिवस पर सीएम योगी ने दी देशवासियों को बधाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को देश के 72वें गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं हैं। सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा- सभी प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई। उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों को समर्पित गणतंत्र दिवस हमें राष्ट्रीय कर्तव्यों के प्रति जागृत करता है। आइए, ‘हम भारत के लोग’ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ को साकार करने हेतु संकल्पित हों।
सभी प्रदेशवासियों को 72वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई।
उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों को समर्पित गणतंत्र दिवस हमें राष्ट्रीय कर्तव्यों के प्रति जागृत करता है।
आइए, 'हम भारत के लोग' आदरणीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' को साकार करने हेतु संकल्पित हों।
जय हिंद
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 26, 2021
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया था। भारत को दुनिया के अंदर सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित करने, अनेकता में एकता के भाव को सृर्जित करने में हमारे संविधान की बहुत बड़ी भूमिका है।
कहा कि 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के उन महान स्वतंत्रा सैनानियों को जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था। आजादी की लड़ाई के लिए उन्होंने अपना योग्दान दिया था। ऐसे सभी स्वतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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