Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

तिहाड़ जेल में ये हैं चिदंबरम के पड़ोसी, नाम जानकर उड़ जाएंगे होश

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम को INX मीडिया केस में गुरूवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

चिदंबरम 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में रहेंगे। हालांकि उन्हें अन्य कैदियों के साथ नहीं बल्कि अलग सेल में रखा गया है। जेल में यासीन मलिक, दीपक तलवार और क्रिश्चियन मिशेल उनके पड़ोसी हैं।

आपको बता दें कि अलग-अलग केस में आरोपी इन तीनों को भी जेल नंबर 7 में ही रखा गया है। जेल में चिदंबरम का नया पता अब जेल नंबर 7 वार्ड नंबर 2 और सेल नंबर 15 है।

गौरतलब है कि आईएनएक्स मामले में गुरूवार को सुनवाई के बाद राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 14 दिनों के लिए चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

इससे पहले चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी इसी जेल में 23 दिनों तक रह चुके हैं। कार्ति को 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending