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प्रादेशिक

इन गांव में गुलाल उड़ाते ही हो जाती है लोगों की मौत, कई दशकों से नहीं मनाई गई होली

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रंगो का त्योहार होली मनाया जा रहा है। इस त्योहार को लोग शुभ मौके से जोड़ कर देखते हैं और शुभ प्रतीक मानते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी गांव हैं जहां होली के त्योहार को अशुभ माना जाता है।

हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के कुछ ऐसे गांव की जहां माना जाता है कि अगर कोई गुलाल उड़ता है तो गांव वालों कुछ न कुछ अनहोनी जरूर होती है। इस मान्यता की वजह से पिछले 100 सालों से गांव में होली नहीं मनाई गई।

लोगों का दावा है कि अगर किसी ने अगर होली के रंगों को उड़ा दिया तो उसकी मौत पक्की है। गांववालों का कहना है कि 100 साल पहले एक जमींदार ने होली खेली थी जिसकी वजह से उसको इसकी कीमत अपनी जान से चुकानी पड़ी थी।

ये मामला है रायगढ़ जिले के बरमेला व्लाक के हट्टापाली समेत अमलीपाली, छिंदपतेरा, मंजूरपाली, जगदीशपुर का। जहां लोगों में ये खौफनाक कहानी काफी चर्चित है। गांव में न तो होलिका दहन होता है न ही रंग खेले जाते हैं।

गांव के एक बुजुर्ग का कहना है कि उन्हें अंदाजा नहीं है कब से गांव में होली नहीं मनाई गई। जब से उन्होंने होश संभाला है तब से पूर्वजों से होली न मनाने की बात सामने आई है। उनका दावा है कि कई सालों पहले एक जमींदार ने यहां होली खेली थी जिसके बाद गांव में एक शेर गांव में आ गया था और उस जमींदार को उठाकर ले गया था।

इस घटना के बाद गांव के एक बैगा को एक सपना आया। जिसके बाद उसने गांव वालों से कहा कि गांव में मंजुरपलिहिन देवी का मंदिर बनाना होगा और उसकी पूजा करने से सबकी रक्षा होगी। साथ ही उसने कभी होली न मनाने के निर्देश दिए। इसके बाद गांव के लोगों ने बैठक कर यह निर्णय लिया गया कि अब से होली नहीं मनाई जाएगी।

 

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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