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नेशनल

डायल 100 पर आया फोन, आवाज आई-नरेंद्र मोदी को बम से उड़ा दूंगा, और फिर…

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नई दिल्ली। दिल्ली में रविवार की रात 100 नंबर पर अचानक एक ऐसा फोन आ गया जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दरअसल, दिल्ली में एक किराएदार और मकान मालिक में कहा सुनी के बाद मकान मालिक को सबक सिखाने के लिए पुलिस को फोन कर दिया और कहा कि वो पीएम मोदी को बम से उड़ा देगा।

मामला दिल्ली के बुराड़ी थाना क्षेत्र का है। पीएम मोदी को धमकी दने वाला शख्स अरुण सतीश के मकान में किराए पर रहता है। अरुण मजदूरी का काम करता है। बीती रात वो नशे की हालात में था। उसी दौरान उसकी मकान मालिक सतीश से कहा सुनी हो गई। किराएदार की बदतमीजी पर मकान मालिक आगबबूला हो गया और उसने अरुण को थप्पड़ जड़ दिया।

इसके बाद मकान मालिक सतीश वहां से चला गया। लेकिन नशे में धुत किराएदार अरुण को ये बात बहुत नागवार गुजरी। ना जाने उसे दिमाग में क्या आया कि उसने बिना कुछ सोचे समझे 100 नंबर पर पुलिस को कॉल कर दी और पीएम मोदी को बम से उड़ा देने की धमकी दे दी।

ये बात सुनकर पुलिसवालों के होश उड़ गए। कुछ देर में ही पुलिस ने कॉल ट्रेस कर ली और आरोपी तक जा पहुंची। पुलिस ने उसे रात में ही हिरासत में ले लिया। उसे बुराड़ी थाने में रखा गया है। अब पुलिस और अन्य एजेंसियां अरुण पूछताछ कर रही हैं।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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