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प्रादेशिक

बाइक सवार को कुचलकर पलटी बस, दो भाइयो समेत तीन की मौत

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बाइक सवार को कुचलकर पलटी बस, दो भाइयो समेत तीन की मौत

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बाइक सवार को कुचलकर पलटी बस, दो भाइयो समेत तीन की मौत

मनोज तिवारी

हरदोई। लखनऊ हरदोई मार्ग पर कोतवाली कछौना में एक निजी बस बाइक सवारों को रौंद कर खाई में पलट गयी। हादसे में बाइक सवारों ने मौके पर जबकि बस में सवार एक वृद्ध ने कछौना सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में दम तोड़ दिया। हादसे में करीब दो दर्जन लोग जख्मी हो गए जिनमे कई को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है।

एएसपी समेत अधिकारियों ने घटनास्थल का निरिक्षण कर घायलों का हाल जाना। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ गुरुवार की सुबह कासिमपुर थाना क्षेत्र के सीएचसी बेहन्दर से आँख के रोगियों को लेकर एक निजी बस हरदोई जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में आपरेशन कराने के लिए जा रही थी। बस लखनऊ हरदोई मार्ग पर कोतवाली क्षेत्र कछौना के डाबर हर्बल फ़ार्म के पास पहुंची इसी बीच सामने से एक बाइक वाले ने एक पिकअप डाला को ओवरटेक किया।

सामने से आ रही बस बाइक सवार लोगों को रौंदती हुयी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाई में पलट गयी। बाइक पर मौजूद ठाकुर (35) मोनू (27) पुत्रगण मुन्ना निवासी चौपारटोला मलकाना सण्डीला की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि सीएचसी कछौना में बस सवार विश्वनाथ सिंह 70 निवासी रिठवें कासिमपुर ने दम तोड़ दिया। जानकारी पाकर एएसपी पूर्वी बीसी दूबे क्षेत्राधिकारी बघौली तारकेश्वर पाण्डेय व प्रभारी निरीक्षक सण्डीला डीपी सिंह कछौना आर के सिंह मौके पर पहुंचे और घायलों का हाल चाल लिया। घायलों को कछौना व सण्डीला सीएचसी ले जाया गया जहाँ से चार घायलों को लखनऊ व हरदोई रिफर किया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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