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प्रादेशिक

मुस्लिम लड़की को प्यार करने पर मिली ‘तुगलकी’ सजा, पेड़ से बांधकर मारा

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बिहार के नवादा जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई हैं। जिसे जानकर आपकी रूह कांप जाएंगी। दरअसल, इस जिले में एक मुसलमान लड़की को एक हिंदू लड़के से प्यार करना इतना महंगा पड़ गया कि यहां ग्रामीणों ने एक मुस्लिम लड़की को पेड़ से बांधकर पिटाई की। उसके बाद उसे सजा के तौर पर 5 घंटे तक पेड़ से बांधकर रखा।

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आपको बता दें, पंचायत ने जब ये फैसला दिया। तब लड़की ने दूसरी जाति के लड़के के साथ भाग गयी थी इसलिए उसे पेड़ से बांधकर पिटाई होनी चाहिए। सबसे चौकाने बात यह है की पंचायत के इस फैसले के सामने उसके माता-पिता भी खड़े रहे।

मीडिया के अनुसार – लड़की ने बताया की वह 30 सितम्बर को अपने प्रेमी के साथ भाग गयी थी। लेकिन परिजनों ने जाकर उसे पकड़ लिया। इस अमानवीय घटना ने एक बार फिर से नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की हवा निकाल दी है। लड़की के साथ इस बर्बरता से एक बार फिर साबित हुआ है कि लोगों में कानून का खौफ नहीं है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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