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नेशनल

बिहार चुनाव: पहले फेज की 71 सीटों पर वोटिंग जारी, सुबह 11 बजे तक 18 फीसदी मतदान

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पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए आज पहले चरण की 71 सीटों पर वोटिंग हो रही है।  पहले चरण में इस बार आरजेडी के 42 उम्मीदवार तो, जेडीयू के 35 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनके अलावा बीजेपी के 29, कांग्रेस के 21, भाकपा (माले) के आठ, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के छह, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का एक और लोजपा के 42 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

सुबह 11 बजे तक 11.9 फीसदी मतदान हो चुका है। कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव के लिए खास व्यवस्था की गई है साथ ही सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोरोना नियमों का ध्यान रखते हुए बिहार में विधानसभा के पहले चरण के लिए वोटिंग जारी है।

पटना समेत 16 जिलों के दो करोड़ 14 लाख 84 हजार 787 मतदाता 1066 उम्मीदवारों में से अपना प्रतिनिधि चुनेंगे। बिहार में कोरोना संकट के मद्देनजर इसके लिए 31371 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती है और 31371 सेट इवीएम और इतने सेट वीवीपीएटी का उपयोग किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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