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नेशनल

Bihar Election Result: बिहार में 125 सीटों के साथ एक बाद फिर एनडीए राज

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नई दिल्ली| बिहार चुनाव परिणाम में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल गया है। एनडीए को 125 सीटें मिल गई हैं। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार 243 में से 125 सीटों पर विजयी रहे हैं। यह बहुमत के लिए जरूरी 122 के जादुई आंकड़े से तीन अधिक है। आरजेडी की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली है।

एनडीए के घटक दलों में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 43 सीटों पर जीत मिली है। वहीं, 74 सीटों पर जेडीयू की गठबंधन सहयोगी बीजेपी के उम्मीदवार विजयी रहे हैं। एनडीए के अन्य घटक हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटों पर विजयश्री मिली है।

बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे। इस तरह नीतीश 7वीं बार बिहार के युवराज होंगे। हालांकि नीतीश की पार्टी को पिछले साल के मुकाबले 28 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है, ऐसे में उनका कद छोटा हो सकता है, लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद नीतीश कुमार अपना ‘आखिरी’ कार्यकाल कैसे पूरा करते हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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