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मुख्य समाचार

चीन को भारतीय चीनी की मिठास का दीवाना बनाने की जुगत में भारत

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भारत अपनी चीनी के आधिक्य भंडार को चीन के बड़े बाजार में खपाना चाहता है। इसी मकसद से भारतीय चीनी उद्योग की ओर से बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में शुक्रवार को आयोजित एक संगोष्ठी में चीन की लगभग 25 कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिनमें चीनी शोधक, आयातक व व्यापारी शामिल थे।

संगोष्ठी में चीनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संवर्धन परिषद (सीसीपीआईटी), चाइना शुगर एसोसिएशन (सीएसए) और कोफको शुगर ने भी हिस्सा लिया।

इस मौके पर भारत से इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अध्यक्ष गौरव गोयल और महानिदेशक अविनाश वर्मा और इंडियन शुगर एग्जिम कॉरपोरेशन (आईएसईसी) के सीईओ अधीर झा ने भारत से चीनी निर्यात की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

भारतीय दूतावास में आर्थिक व वाणिज्यिक काउंसलर प्रशांत एस. लोखंडे ने भारत और चीन के बीच आर्थिक व वािणज्यिक संबंधों पर चर्चा की और चीन की कंपनियों को भारत की व्यापार नीतियों में संगति और इसके गुणवत्तापूर्ण उत्पाद को लेकर भरोसा दिलाया।

उन्होंने कहा कि भारत चीन के लिए चीनी व्यापार में एक बड़े साझेदार के रूप में उभरेगा। अविनाश वर्मा ने भारतीय चीनी उद्योग की क्षमता पर विस्तृत चर्चा की। वर्मा ने कहा कि इस पहली संगोष्ठी से भारत को चीन के बड़े बाजार में अपनी चीनी बेचने में मदद मिलेगी।

इस्मा प्रतिनिधिमंडल ने चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावाले से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर बैठक के दौरान भी चीनी निर्यात पर चर्चा हुई थी।

इस्मा ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने चीन में भारतीय दूतावास और वाणिज्यिक दूतावास की ओर से भारत से चीन को चीनी निर्यात में पूरी मदद करने का भरोसा दिलाया और इसी प्रकार की एक संगोष्ठी ग्वांगझोउ में भी करवाने का सुझाव दिया।

भारत में वर्ष 2017—18 कुल चीनी उत्पादन 24 प्रतिशत बढकर करीब 2.5 करोड़ टन हो जाने की उम्मीद है। यह अनुमान चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के अनुमानों के अनुरूप है। हालांकि, कमजोर बारिस के चलते चालू विपणन सत्र 2016-17 (अक्तूबर से सितंबर) में देश का चीनी उत्पादन कम यानी 2.02 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। (इनपुट आईएएनएस)

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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