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प्रादेशिक

बॉयफ्रेंड से मिलने गांव के बाहर गई थी लड़की, तभी अचानक पड़ गई दरिंदों की नजर, और फिर….

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नई दिल्ली। बिहार के बेगुसराय से अलवर गैंगरेप जैसा ही एक मामला सामने आया है। इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में लगभग आधा दर्जन लड़के प्रेमी जोड़े को जबरदस्ती रोककर गालियां देते नजर आ रहे हैं। उनकी पिटाई कर रहे हैं और लड़की के साथ बदतमीजी करते दिख रहे हैं।

लड़का और लड़की उन दरिंदों के आगे गिड़गिड़ा हुए उन्हें छोड़ने को कह रहे हैं लेकिन इस उन गुंडों पर कोई असर नहीं हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़का-लड़की एक दूसरे से प्यार करते थे और गांव के बाहर मिलने आए थे।

तभी कुछ अज्ञात दरिंदों की नजर इन दोनों पर पड़ गई। इसके बाद गुंडो ने दोनों के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। वीडियो वायरल होते ही पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। फिलहाल पुलिस वीडियो में दिख रहे आरोपियों की पहचानने की कोशिश कर रही है।

आपको बता दें कि इस घटना से कुछ दिनों पहले अलवर में भी इस तरह की घटना सामने आई थी। यहां एक शादीशुदा महिला को उसके पति के सामने ही गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया। वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता ने आरोपियों को पकड़ने की शिकायत पुलिस में की थी। पीड़िता की शिकायत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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