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नेशनल

शपथ से पहले महपुरुषों को मोदी का नमन, बापू-अटल-शहीदों के सामने PM ने झुकाया सिर

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लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार ‘प्रधानमंत्री’ पद की शपथ लेने जा रहे है। शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में अपने मंत्रिमंडल के साथ आज शपथ ग्रहण समारोह होना है। शपथ लेने से पहले पीएम मोदी ने महापुरुषों को नमन किया। उन्होंने राजघाट में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया और देश के शहीदों को दिल्ली के वॉर मेमोरियल में श्रद्धांजलि दी। तीनों सेनाओं की टुकड़ियों नेभी शहीदों को दी श्रद्धांजलि।

स्व। अटल बिहारी वाजपेयी को पुष्प अर्पित करने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘हम हर पल प्यारे अटल जी को याद करते हैं। उन्हें यह देखकर बहुत खुशी होगी कि बीजेपी को लोगों की सेवा करने का इतना अच्छा मौका मिला है। अटलजी के जीवन और कार्य से प्रेरित होकर हम सुशासन और लोगों के जीवन को बदलने का प्रयास करेंगे।’

शामिल होंगे करीब 6000 मेहमान
बता दें नरेंद्र मोदी आज दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद के तौर पर शपथ लेंगे। शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन परिसर में एक भव्य समारोह में नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट शपथ लेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद टीम मोदी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए BIMSTEC देशों के प्रमुख भी भारत पहुंच गए हैं, कई राज्यों के मुख्यमंत्री समेत करीब 6000 मेहमान दिल्ली पहुंच गए हैं।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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