Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अब तक 23,74,880 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गईः अमित मोहन प्रसाद

Published

on

Loading

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार प्रदेश में बड़ी संख्या में टेस्टिंग कार्य करते हुए, टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। गत एक दिन में कुल 2,97,021 सैम्पल की जांच की गयी, जो कि अब तक का सर्वाधिक टेस्ट है, जिसमें से 01 लाख 28 हजार से अधिक आरटीपीसीआर में माध्यम से जांच की गई। प्रदेश में अब तक कुल 4,13,62,046 सैम्पल की जांच की गयी है। विभिन्न जनपदों द्वारा गत दिवस 97,122 सैम्पल आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 30,983 नये मामले आये हैं तथा 36,650 मरीज संक्रमणमुक्त हुए हैं। इस प्रकार अब तक कुल 10,04,447 से अधिक लोग कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। प्रदेश में कुल कोरोना के एक्टिव मामलों में से 2,41,305 व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं। श्री प्रसाद ने बताया कि सर्विलांस की कार्यवाही निरन्तर चल रही है। प्रदेश में अब तक सर्विलांस टीम के माध्यम से 2,47,170 क्षेत्रों में 5,87,642 टीम दिवस के माध्यम से 3,39,85,062 घरों के 16,39,79,240 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। अब तक 1,03,54,904 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई तथा पहली डोज वाले लोगों में से 23,74,880 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इस प्रकार कुल 1,27,29,784 वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है।

श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल 01 मई, 2021 से 18 से 44 वर्ष वाले लोगों के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक आयु वालों का वैक्सीनेशन चल रहा है। जिसमें लोग बढ़-चढ़कर अपना टीकाकरण करा करे है। उन्होंने बताया कि 18 से 44 वर्ष वाले लोग साॅफ्टवेयर के माध्यम से वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। सिर्फ साॅफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकरण करने वाले 18 से 44 वर्ष वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अभी फिलहाल यह सिर्फ 07 जनपदों में 18-44 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। शीघ्र ही अन्य जनपदों में साॅफ्टवेयर के माध्यम से 18 से 44 वर्ष वाले लोगों का वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कोविड वैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करे।

श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 04 मई से 08 मई तक ग्रीमाण क्षेत्रों में फ्रंटलाइन कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर कोविड लक्षण वाले लोगों से सम्पर्क किया जायेगा तथा उन्हें मेडिसिन किट भी उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि कोविड के लक्षण होने पर अपनी जांच अवश्य करायें इसके अतिरिक्त लक्षण होने पर होम आइसोलेशन के लिए दी जा रही मेडिसिन भी अवश्य खायें। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को दवाइयों का पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। दवाइयों का पैकेट उपलब्ध न होने पर होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज कोविड कमाण्ड सेण्टर में फोन करके अपनी दवाइयों का पैकेट मंगा सकते हैं। जो लोग होम आइसोलेशन में हैं अगर वे डाक्टर की सलाह लेना चाहते हैं तो, वे 18001805146, 18001805145 इस हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं।

श्री प्रसाद ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। लोगों के प्रयासों एवं जागरूकता से संक्रमण दर में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकाॅल का पालन अवश्य करें।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending