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अन्तर्राष्ट्रीय

अब अमेरिका में भी याद किए जाएंगे आचार्य द्विवेदी, इकाई गठित

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रायबरेली। हिंदी के युग प्रवर्तक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान अब अमेरिका तक पहुंच गया है। 22 वर्षों से आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों को सहेजने में जुटी आचार्य द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति की अमेरिकी इकाई गठित हो गई है।

संयोजन का दायित्व कैलिफोर्निया में हिंदी का प्रचार प्रसार कर रही मंजु मिश्रा ने संभाला है। चार प्रवासी भारतीय हिंदी सेवी महिलाओं ने भी इस काम से जुड़ने की सहज स्वीकृति दे दी है।

समिति की अमेरिकी इकाई का शुभारंभ विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को वेबीनार के माध्यम से आचार्य द्विवेदी पर आधारित व्याख्यानमाला के साथ होगा।संयोजक मंजु मिश्रा ने बताया कि समिति के अमेरिकी चैप्टर से लॉस एंजेल्स निवासी रचना श्रीवास्तव, शिकागो निवासी शुभ्रा ओझा, नार्थ कैरोलिना निवासी डॉक्टर कुसुम नेपसिक और न्यू जर्सी निवासी ममता त्रिपाठी जुड़ गई हैं।

यह समिति अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के बीच में हिंदी जानने और बोलने से एक कदम आगे बढ़ कर अच्छी और शुद्ध हिंदी को बढ़ावा देने तथा आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों से लोगों को जोड़ने का काम जल्द ही शुरू करेगी।

इस काम में भारत के हिंदी सेवियों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसी सिलसिले में समिति की अमेरिकी इकाई और भारत के हिंदी सेवियों की पहली ऑनलाइन मीटिंग नए साल की 2 जनवरी को होने जा रही है। इसमें भारत से पद्मश्री विजय दत्त श्रीधर, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, साहित्यकार कुसुम लता सिंह, समिति के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, संयोजक गौरव अवस्थी और आचार्य द्विवेदी की ओर से संपादित सरस्वती पर शोध करने जा रही छात्रा रजिता दुबे भी अपने सुझाव देंगी।

उन्होंने बताया कि इस ऑनलाइन मीटिंग में समिति के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के साथ उद्घाटन कार्यक्रम पर भी विस्तार से चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) को समिति के अमेरिकी चैप्टर का विधिवत शुभारंभ करने की योजना है।

आचार्य द्विवेदी स्मृति अभियान अब तक यह महत्वपूर्ण कार्य हुए आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय स्मारक समिति ने हिंदी भाषा भाषी समाज द्वारा भुला दिए गए आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्मृतियों को सहेजने का काम वर्ष 1998 में प्रारंभ किया था।

इस अभियान के चलते आचार्य द्विवेदी के जन्म ग्राम दौलतपुर (रायबरेली) में आचार्य द्विवेदी पुस्तकालय वाचनालय के साथ उनके जन्म स्थान के सामने आवक्ष प्रतिमा की स्थापना 10 वर्ष पहले की गई थी। समिति द्वारा रायबरेली जिला मुख्यालय पर भी उनकी प्रतिमा स्थापित की गई थी।

प्रतिवर्ष साहित्यकारों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आचार्य द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान से सम्मानित किए जाने की परंपरा भी 15 वर्ष से चल रही है। अभियान के तहत ही समिति के प्रयासों पर नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली ने 1933 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को पुनर प्रकाशित किया। समिति के अनुरोध पर निफ्ट रायबरेली के डायरेक्टर डॉक्टर भारत साह आचार्य द्विवेदी के विज्ञान और तकनीक से संबंधित लेखों के संग्रह विज्ञान वार्ता नामक पुस्तक को 3 वर्ष पहले पुनर प्रकाशित करा चुके हैं। कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद ने अपने संपादन में वर्ष 1930 में आचार्य द्विवेदी द्वारा लिखे गए लेखों को फिर से समाज के सामने लाने के लिए विज्ञान वार्ता पुस्तक प्रकाशित की थी।

 

 

अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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