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नेशनल

आलीशान बंगले को बनाया खण्डहर, तस्वीरों में देखिए अखिलेश की असलियत

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बंगला विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद अखिलेश यादव ने भी बंगला खाली कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  जब राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाभी मिली तो वहां पर सभी लोग उस आलीशान बंगले की हालत देखकर दंग रह गए।

बंगले को भव्य स्वरूप देने में सरकार का करोड़ों रुपया खर्च हो गया था। इसकी सजावट में करोड़ों रुपया खर्च किया गया था। इसमें सुख सुविधाओं का हर इंतजाम किया गया था, लेकिन इसे खाली करते वक्त बुरी तरह से उजाड़ दिया गया है।

बंगले में तोडफ़ोड़ की खबरें मीडिया में आने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने सवाल किया कि सिर्फ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का ही बंगला मीडिया के लिए क्यों खोला गया?

गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के बंगले मीडिया को क्यों नहीं दिखाए गए? उन्होंने आरोप लगाया कि यह सपा अध्यक्ष को बदनाम करने की साजिश है। राज्य संपत्ति विभाग बताए कि उन्हें सरकारी बंगले में कितना सामान आवंटित किया गया था।

बंगला छोडऩे से पहले एसी भी निकाला गया। इसके साथ ही स्वीमिंग पूल के हिस्सा भी पाटा हुआ मिला। इस पूल में विदेशी टाइल्स लगी थी। जिनको उखाडऩे के बाद पूल में मिट्टी भर दी गई है। इस बंगला में बाहर गेट से लेकर अंदर तक पूरा टूटा-फूटा था।

इसके जिम एरिया में सबसे ज्यादा टूटफूट हुई है। इसके साथ ही इनडोर गेम्स के एरिया में भी तोडफ़ोड़ देख गई। कहीं लोहे के एंगल निकले हुए थे, तो कहीं दीवार टूटी हुई थी। बंगले में जो सबसे ज्यादा सुरक्षित स्थान बचा है वो है मंदिर। संगमरमर के इस मंदिर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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