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प्रादेशिक

अजय कुमार ‘लल्लू’ बने यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

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लखनऊ। कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से विधायक अजय कुमार लल्लू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले लल्लू कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता थे।

इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रदेश में 41 सदस्यीय प्रदेश कांग्रेस कमेटी बनाई गई है जिसमें युवा नेताओं को तरजीह दी गई है।

वरिष्ठ नेताओं को शामिल करते हुए दो विशेष कमेटियां भी बनाई गई हैं, जो कांग्रेस महासचिव को सलाह देंगी और रणनीतिक कार्ययोजना तैयार करेंगी। पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता की जिम्मेदारी विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’ को दे दी है। इसके साथ ही यूपी कांग्रेस में फिल्म अभिनेता से राजनेता बने राज बब्बर का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। वे करीब तीन वर्षों तक प्रदेश अध्यक्ष रहे।

नई प्रदेश कार्यकारिणी में पूर्वी और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग इंचार्ज बनाए गए हैं। कुल 4 उपाध्यक्ष, 12 महासचिव और 24 सचिव शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तुमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा में भी उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई। वे अपनी संघर्षशील छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्नाव और शाहजहांपुर की रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के संघर्ष में भी वे पीछे नहीं रहे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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