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नेशनल

आमिर ने बेटी के साथ जो फोटो शेयर की उसे देखकर क्यों दोनों धर्म के ठेकेदार बिदक गए

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मुंबई। कभी पहलवान बेटियों का पहलवान बाप तो कभी बाइक से चोरी कर फुर्र उड़ जाने वाला चोर। बॉलीवुड के एक्टर आमिर खान अपनी हर फिल्म से जनता को खुश करते रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग उनके पीछे हाथ-पैर धोकर पड़े ही रहते हैं। अभी कुछ दिन पहले ‘महाभारत’ फिल्म में उनके श्री कृष्ण के रोल को लेकर विवाद हुआ।

अब विवाद एक फोटो को लेकर हो रहा है जिसमे आमिर खान अपनी बेटी ईरा के साथ नज़र आ रहें हैं। आमिर इस फोटो में एक पार्क में अपनी बेटी के साथ खेलते नज़र आ रहें हैं। उनकी बेटी ने इस फोटो में एक शार्ट ड्रेस पहन रखी है और वो आमिर के ऊपर बैठी हैं। इस फोटो को सोशल मीडिया पर बड़ी लानत-मनालत मिल रही है।

इस फोटो को शेयर करने के बाद आमिर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। लोग जमकर उनकी फोटो पर कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो यहां तक लिख दिया कि रमजान के दौरान आमिर खान को ऐसी तस्वीर पोस्ट नहीं करनी चाहिए थी। कुछ ने लिखा कि आमिर एक मुस्लिम हो, तो उनको शर्म आनी चाहिए ऐसी तस्वीरें शेयर करते वक्त, तो कई यूजर्स चार कदम आगे बढ़ते हुए बाप-बेटी के रिश्ते पर ही अश्लील कमेंट करने लगे।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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