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नेशनल

प्रदेश में 1 जुलाई से रोज़ 10 से 12 लाख टीके लगाये जाने का लक्ष्य रखा गया है: नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के 3टी ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट अभियान के साथ-साथ आशिंक कोरोना कफ्र्यू तथा टीकाकरण से प्रदेश में कोरोना का संक्रमण नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण अन्य प्रदेशों के अपेक्षा कम है। उन्होंने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि 97,000 ग्रामीण पंचायतों में 5 मई, 2021 से एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें 80,000 निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है। अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है, इसके साथ-साथ मेडिकल किट भी बांटी गयी है। उन्होंने बताया कि सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक लगभग 17 करोड़ से अधिक लोगों से उनका हालचाल जाना गया है।

श्री सहगल ने बताया कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू के समय से प्रदेश में जीवन और जीविका बचाने के उद्देश्य से औद्योगिक, आर्थिक गतिविधियां, चीने मिले और गेहूॅ खरीद चालू रही। प्रदेश में सक्रिय मामले कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या कम नहीं की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके। उत्तर प्रदेश देश में प्रतिदिन सबसे अधिक टीकाकरण करने वाला राज्य है। कल 08 लाख से अधिक टीकाकरण किया गया है। माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री जी ने 01 जुलाई से प्रतिदिन 10 से 12 लाख टीके लगाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर के दृष्टिगत प्रदेश में विशेषज्ञ समिति की सलाह पर अवस्थापना सुविधा बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि संभावित कोविड की तीसरी लहर के तहत सभी मेडिकल कालेज में 100-100 पीआईसीयू बेड का कार्य लगभग पूरा हो गया है। हर जिला अस्पताल में 20-20 बेड पीआईसीयू के और कम से कम दो सीएचसी में पीकू/नीकू के बेड बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश में भविष्य में आॅक्सीजन की कमी न हो उसकी व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। प्रदेश में 528 आॅक्सीजन प्लांट में से अबतक 110 प्लांट क्रियाशील हो गये है।

श्री सहगल ने बताया कि मिशन रोजगार के तहत अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में आज एक आनॅलाइन मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में लगभग 31 हजार नई इकाइयों को बैंकों से समन्वय करके लगभग 2505 करोड़ ऋण उपलब्ध कराया गया। इन इकाइयों से लगभग 20 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित करने तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और बेहतर करने में बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 34 लाख 80 हजार एमएसएमई इकाइयों को लगभग 62 हजार करोड़ का ऋण बैकों के माध्यम से दिया गया था।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से की गयी है। 22 जून, 2021 तक गेहँू क्रय अभियान के तहत लगभग 13 लाख किसानों से 56.39 लाख मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है, जो विगत वर्ष से दोगुना है। खरीफ की फसल के लिए खाद बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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