नेशनल
राज्यसभा की कार्यवाही बाधित
नई दिल्ली| राज्यसभा की कार्यवाही विपक्षी सदस्यों की ओर से विभिन्न मुद्दों को लेकर किए गए हंगामे की वजह से बुधवार को बाधित हुई। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ती द्वारा किए गए निवेश का मुद्दा उठाया, जबकि कांग्रेस सदस्यों ने एक अन्य समाचारपत्र की रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी के पार्टनर को करीब 92 प्रतिशत की रियायती दर पर जमीन दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने अनर पटेल के कारोबारी साझेदार को 2010 में 15 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से 422 एकड़ जमीन दी थी। यह जमीन 180 रुपये प्रति वर्गमीटर के सरकारी स्टाम्प ड्यूटी रेट की तुलना में 91.6 प्रतिशत की रियायती दर पर दी गई थी।
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मांग की कि गुजरात मामले को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस संभवत: चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति पर लगे आरोपों पर भी चर्चा चाहती है।
हंगामे के बीच उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए और उसके बाद दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।
नेशनल
सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।
केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।
याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
पोषक तत्वों से भरपूर चुकंदर इन लोगों के लिए है नुकसानदेह, जानें कैसे
-
मनोरंजन2 days ago
सुप्रिया श्रीनेत पर कंगना का पलटवार, कहा- हर महिला गरिमा की हकदार है
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
योगी सरकार के कार्यकाल के 7 साल पूरे, सीएम ने जनता का जताया आभार
-
नेशनल2 days ago
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए छठी लिस्ट की जारी, राजस्थान से 4, तमिलनाडु की 1 सीट शामिल
-
अन्तर्राष्ट्रीय1 day ago
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी की टिप्पणी से भारत नाराज, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला
-
नेशनल2 days ago
तबीयत खराब होने के बाद मुख्तार अंसारी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती, हालत स्थिर
-
नेशनल2 days ago
कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयर स्टेशन पर आतंकी हमला, 4 हेलीकाप्टर, 3 ड्रोन तबाह