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#गूगल की बादशाहत को चुनौती देगा ‘नॉलेज इंजन’

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गूगल की बादशाहत को चुनौती, विकिपीडिया का ‘नॉलेज इंजन’, ‘गूगल सर्च’ और माइक्रोसॉफ्ट के ‘बिंग’ को टक्कर, ‘नॉलेज इंजन’ पर यूजर को सही और विश्वसनीय सामग्री, ‘नॉलेज इंजन’ के लिए यूजर की प्राइवेसी सबसे जरूरी

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नई दिल्ली। इंटरनेट की दुनिया के बेताज बादशाह गूगल को शायद चुनौती मिलने वाली है। आज के समय में इंटरनेट यूजर को यदि कुछ भी जानना होता है तो वह सीधा पंहुचता है गूगल बा‍बा की शरण में। सामान्‍य बोलचाल में भी कहा जाने लगा है, अरे गूगल बाबा से पूछ लो, उनको सब आता है। इंटरनेट सर्च की दुनिया में गूगल की बादशाहत को अभी तक चुनौती नही मिली है, मगर अब गूगल के इस कब्जे को कमजोर करने के लिए विकिपीडिया आगे आ रहा है। कंपनी जल्द ही ‘नॉलेज इंजन’ नाम का नया सर्च इंजन लॉन्च कर सकती है, जो विकिपीडिया और उससे जुड़ी वेबसाइटों पर मौजूद सामग्री को खंगालने की सुविधा देगा। खास बात यह है कि विकिपीडिया का सर्च इंजन विज्ञापन मुक्त होगा। यूजर एक क्लिक पर सामग्री का स्रोत तो खंगाल ही सकेंगे, साथ में सोशल साइट पर उसे दोस्तों से शेयर भी कर पाएंगे।

अल्फाबेट के ‘गूगल सर्च’ और माइक्रोसॉफ्ट के ‘बिंग’ को टक्कर देने के लिए विकिपीडिया जल्द ही ‘नॉलेज इंजन’ लॉन्च कर सकता है। अमेरिका के जॉन एस और जेम्स एल नाइट फाउंडेशन ने नए सर्च इंजन के निर्माण के लिए विकिपीडिया फाउंडेशन को 2.5 लाख डॉलर (लगभग 1.7 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई है। कंपनी का दावा है कि ‘नॉलेज इंजन’ पर यूजर को सही और विश्वसनीय सामग्री मिलेगी। वे एक ही क्लिक पर पता लगा सकेंगे कि सामग्री कहां से उत्पन्न हुई है और उस पर कितना भरोसा किया जा सकता है।

प्राइवेसी का ख्याल

विकिपीडिया के मुताबिक ‘नॉलेज इंजन’ के लिए यूजर की प्राइवेसी सबसे ज्यादा मायने रखेगी। सर्च इंजन पर कौन क्या सामग्री खंगाल रहा है, इसकी जानकारी विज्ञापनदाताओं से नहीं साझा की जाएगी। इतना ही नहीं, ‘नॉलेज इंजन’ को विज्ञापनमुक्त सेवा रखने पर विचार किया जा रहा है। इस पर कोई भी सामग्री विज्ञापन नहीं, बल्कि वेबसाइट की लोकप्रियता और विश्वसनीयता के आधार पर दर्शाई जाएगी।

विश्वसनीय जानकारी

‘नॉलेज इंजन’ पर कोई भी सामग्री कहां से आई है, उसे कब-किसने अपलोड किया है और वह कितनी भरोसेमंद है, इसकी जानकारी सर्च के नतीजों के साथ उपलब्ध कराई जाएगी। यूजर जब कोई सामग्री खंगालने के लिए सर्च बॉक्स में उससे जुड़े शब्द डालेगा तो संबंधित शब्द के जितने भी मायने निकलते हैं, उसे पिरोने वाली सामग्री स्क्रीन पर हाजिर होगी। किसी सामग्री से जुड़े आंकड़े भी सर्च के नतीजे के साथ ही दिए जाएंगे।

न्यूज साइट होगी खास कंपनी ‘नॉलेज इंजन’ की न्यूज साइट को बिल्कुल अलग अंदाज में पेश करने की योजना बना रही है। इसके सर्च बॉक्स के नीचे यूजर को ‘टुडे’, ‘नियरबाई’, ‘इमेजेज’, ‘प्रिंट’ और ‘वीडियोज’ का विकल्प मिल सकता है। फिर एक पंक्ति में फोटो और उसके निचले हिस्सों में टेक्स्ट में मौजूद सामग्री उपलब्ध कराई जा सकती है। सबसे निचले हिस्से में एक अतिरिक्त विंडो दी जा सकती है, जिसमें खबर से जुड़े तथ्य, आंकड़े और उसका ऐतिहासिक महत्व दर्ज होगा।

सोशल नेटवर्किंग पर जोर

‘नॉलेज इंजन’ को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए विकिपीडिया ने साइट को सोशल मीडिया से जोड़ने का फैसला किया है। यूजर महज एक क्लिक पर इस पर मौजूद सामग्री को फेसबुक, ट्विटर, व्हॉट्सएप समेत अन्य सोशल साइटों पर साझा कर सकेंगे। उन्हें ‘नॉलेज इंजन’ पर ही दोस्तों का ग्रुप बनाकर अलग-अलग विषयों से जुड़ी टेक्स्ट, फोटो, वीडियो, ऑडियो और ग्राफिकल सामग्री आपस में शेयर करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा सकती है।

पिछली कोशिश हुई थी नाकाम

यह पहली बार नहीं होगा, जब विकिपीडिया के संस्थापक जिमी वेल्स कोई सर्च इंजन लॉन्च करेंगे। जनवरी 2008 में उन्होंने ‘विकिया सर्च’ नाम का सर्च इंजन पेश किया था, जिसका इस्तेमाल यूजर विकिपीडिया और उससे जुड़ी वेबसाइटों पर सामग्री खंगालने के लिए कर सकते थे। अगस्त 2008 में उन्हें साइट पर मौजूद सामग्री को एडिट करने, उसमें अतिरिक्त जानकारी डालने और किसी पेज को रेटिंग देने के अलावा छोटे-छोटे लेख पोस्ट करने की सुविधा भी दी गई। ‘विकिया सर्च’ को ‘फूवी’ नाम की सोशल नेटवर्किंग साइट से भी जोड़ा गया, जिस पर यूजर अकाउंट बनाकर दोस्तों से खबरें, आंकड़े, रोचक जानकारियां, फोटो और वीडियो साझा कर सकते थे। हालांकि तमाम कोशिशों के बावजूद ‘विकिया सर्च’ लोगों की कसौटी पर खरा नहीं उतर पाया। मार्च 2009 में वेल्स को मजबूरन इसे बंद करने का फैसला लेना पड़ा।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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