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प्रादेशिक

नाम के फेर में जेल गए निर्दोष ने मांगा हर्जाना

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हरदा| मध्य प्रदेश के हरदा जिले में एक युवक के लिए उसका नाम ही मुसीबत का सबब बन गया। नाम के फेर में उसे दो माह की जेल काटनी पड़ी। लगभग दो वर्ष तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद व्यक्ति को खुद को बेगुनाह साबित करने में सफलता मिली है। अब उसने राज्य सरकार पर हर्जाने का दावा किया है।

हरदा के शुक्ला मुहल्ला में रहने वाले इरफान को पुलिस ने बगैर किसी जांच पड़ताल के एक नाबालिग के अपहरण के आरोप में जेल भेज दिया था। वह अपने को बेगुनाह बताता रहा लेकिन उसकी एक नहीं सुनी गई। वह दो माह तक जेल में रहा। जमानत पर रिहा हुआ तो उसने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए जिला एवं सत्र न्यायालय में दस्तक दी।

जेल जाने के कारण इरफान और उसके परिवार को मुसीबतों ने घेर लिया। इरफान के पिता बाबू खां बताते हैं कि बेटे के जेल जाने और कानूनी लड़ाई लड़ने से उनके परिवार की माली हालत बिगड़ गई है। दुकान बिक गई है, बेटे का तो अब कहीं रिश्ता ही नहीं हो पा रहा है। हर कोई यही सवाल करता है कि आपका बेटा तो जेल गया था।

अधिवक्ता आर. के. यादव ने बताया कि पुलिस ने नाका क्षेत्र में रहने वाले इरफान की जगह शुक्ला मुहल्ला में रहने वाले इरफान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। न्यायालय में शुक्ला मुहल्ला के इरफान ने अपनी बेगुनाही साबित कर दी है।

यादव के अनुसार, बेगुनाह के जेल जाने से उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित हुई और आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। इरफान की ओर से राज्य सरकार को हर्जाने का नेाटिस भेजा गया है।

बताया गया है कि जिस नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोप में इरफान को जेल जाना पड़ा था। अन्याय के खिलाफ लड़ाई में परिवार भी इरफान का साथ दे रहा था। उसका कहना था कि पुलिस ने आरोपी की बजाय निर्दोष इरफान को पकड़ा है। इसी कारण इरफान को न्यायालय ने निर्दोष माना है।

पुलिस की लापरवाही और नासमझी ने एक युवक और उसके परिवार की जिंदगी ही बदहाल कर दी है। अब देखना है कि जिनकी बदौलत इरफान का यह हाल हुआ है, उन्हें क्या सजा मिलती है। इरफान के लौटे दिन तो वापस नहीं आ सकते लेकिन हर्जाना मिलने से उसका दर्द कुछ हद तक कम हो सकता है।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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