प्रादेशिक
बिहार : बहुप्रतीक्षित दीघा रेल पुल पर ट्रेनों का परिचालन शुरू
पटना| बिहार में राजधानी पटना के बहुप्रतीक्षित दीघा रेल पुल पर ट्रेनों का परिचालन बुधवार से शुरू हो गया। सुबह करीब नौ बजे पाटलिपुत्र जंक्शन से बरौनी के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई। इस पुल पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की दूरी कम हो जाएगी, वहीं उत्तर प्रदेश के कई शहरों से आवागमन सुलभ हो जाएगा। पहली ट्रेन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई वरिष्ठ नेताओं ने यात्रा की।
रेलवे के एक अधिकाारी ने बताया कि लंबे इंतजार के बाद दीघा रेल पुल पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। सुबह पाटलिपुत्र-बरौनी पैसेंजर (75216) को पाटलिपुत्र से रवाना किया गया। यह ट्रेन हाजीपुर, शाहपुर पटोरी होते हुए अपराह्न् 12.10 बजे बरौनी पहुंचेगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय के अलावा कई नेताओं ने इस ट्रेन से यात्रा की। पहली ट्रेन को पहलेजा स्टेशन पर लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा। पहलेजा स्टेशन पर ट्रेन को रोककर लोगों ने खूब हंगामा किया। ग्रामीण पहलेजा स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर रहे थे।
पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक के अनुसार, इस पुल से ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर, देवरिया, बिहार राज्य के छपरा, सीवान, सोनपुर, हाजीपुर, मुजफरपुर, समस्तीपुर, बरौनी सहित कई जिले पटना से रेलमार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे। पटना-छपरा के बीच की दूरी अब घटकर 64 किलोमीटर रह जाएगी।
उन्होंने बताया कि बुधवार को पहले दिन पांच जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होगा, जबकि चार फरवरी को एक और जोड़ी ट्रेनों का परिचालन बढ़ाया जाएगा। ये ट्रेनें सोनपुर, बरौनी, गोरखपुर व रक्सौल-नरकटियागंज के लिए चलेंगी। इस पुल का शिलान्यास 1997 में हुआ था। हालांकि 2003 में इसका निर्माण शुरू हुआ। इसकी लंबाई 4़6 किलोमीटर है।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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