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अन्तर्राष्ट्रीय

इटली वासियों के 100 साल से ज्यादा जीने का राज?

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रोम| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार इटली 65 से अधिक आयु वाली सर्वाधिक आबादी वाला यूरोपीय देश है और इस मामले में वह दुनिया में दूसरे स्थान पर है। डब्ल्यूएचओ की स्वास्थ्य और उम्र संबंधी नवीनतम रिपोर्ट में यह आंकड़े दिए गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इटली वासियों के इतना अधिक जीने का असली राज क्या है?

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इटली में 100 साल से अधिक आयु वाली आबादी का विशेष आंकड़ा भी रखा गया है, जिसके अनुसार इटली में इस समय 110 वर्ष के लोगों की संख्या 24 है और 116 वर्षीय एम्मा मोरानो इटली की सबसे उम्रदराज नागरिक हैं। उनका जन्म 29 नवंबर 1899 को उत्तरी इटली के पिडमोंट क्षेत्र में हुआ और वे अभी भी वहीं रहतीं हैं।

मोरानो यूरोप की सबसे उम्रदराज महिला भी हैं जो 19वीं शताब्दी में पैदा हुई इस समय दुनिया की अकेली जीवित व्यक्ति हैं। यह जानकारी ग्रेरोन्टोलॉजी शोध समूह ने दी है जो दुनिया भर में उम्रदराज लोगों का आंकड़ा इकट्ठा करती है। इस समूह के आंकड़े के मुताबिक मोरोन दुनिया की दूसरी सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। सबसे पहला नंबर अमेरिका की सुसानाह मशत जोन्स का है जो उसी साल 6 जुलाई को पैदा हुईं थी।

मोरानो का स्वास्थ्य भी काफी बढ़िया है। उन्होंने अभी हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया कि उनके हर रोज के खाने में अंडे जरूर शामिल होते हैं और उन्हें गाने गाना बेहद पसंद है। हर रोज वह एक ही समय पर सोने जाती हैं। खराब बर्ताव के कारण अपने पति को छोड़ने के बाद से ही मोरानो के सोने-जागने का यही तय समय चल रहा है। अब वह एक स्वतंत्र जीवन जी रहीं हैं।

डब्ल्यूएचओ की सहायक महानिदेशक (परिवार, महिला व शिशु स्वास्थ्य) फ्लाविया बस्टेरो का कहना है कि ज्यादा उम्र के जीने के कई कारण होते हैं। उनके मुताबिक पहला कारण है उन देशों में जहां नवजात शिशुओं के बचने की दर सबसे अधिक हैं, जहां बच्चों का उचित टीकाकरण किया जाता हो। साथ ही जहां का वातावरण स्वच्छ हो और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हालत में हों, वहां लोगों की लंबी आयु होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

उनका कहना है कि लोगों की लंबी आयु का मतलब है कि वहां स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी हालत में हैं। इसके अलावा खान-पान का भी आयु पर काफी असर होता है। विषुवतरेखीय भोजन का भी इटली के लोगों की ज्यादा आयु से विशेष संबंध है। वहां फल, सब्जियां, मछली, अनाज और सब्जियों में पाए जाने वाले प्रोटीन का सेवन काफी किया जाता है। ये सारे तत्व उम्र बढ़ाने वाले हैं।

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सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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