प्रादेशिक
गणतंत्र दिवस के मद्देनजर बिहार में अलर्ट, गांधी मैदान में सुरक्षा कड़ी
पटना| गणतंत्र दिवस के तहत पूरे बिहार में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा पुलिस को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। पटना के गांधी मैदान में मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा और इसके तहत वहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि गांधी मैदान को चार क्षेत्रों में बांट दिया गया है और सभी क्षेत्रों की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों को दी गई है।
गणतंत्र दिवस के दिन गांधी मैदान में आयोजित समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद सुबह नौ बजे तिरंगा फहराएंगे। इस अवसर पर 13 विभागों की झांकियां भी निकाली जाएंगी। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने कहा, “गांधी मैदान के सभी मुख्य द्वारों पर ‘क्लोज सर्किट’ कैमरे लगाए गए हैं। मैदान की सुरक्षा को लेकर समारोह स्थल तथा इसके आसपास के इलाकों में 80 दंडाधिकारियों और 150 पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।” पटना उच्च न्यायालय और सचिवालय समेत प्रमुख और सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा शुक्रवार से और अधिक कड़ी कर दी गई है। गांधी मैदान के आसपास पुलिस गश्त तेज करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बिहार-नेपाल सीमा पर सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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