अन्तर्राष्ट्रीय
जकार्ता हमले का पर्यटन पर सीमित असर : इंडोनेशिया
जकार्ता। इंडोनेशिया के पर्यटन मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि देश सुरक्षित है और जकार्ता में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले का पर्यटन पर बहुत अधिक असर नहीं हुआ है।
यहां गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में एक विदेशी सहित दो नागरिकों की मौत हो गई। कार्रवाई में पांच हमलावर भी मारे गए, जबकि इस हमले में 24 अन्य घायल हो गए। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पर्यटन मंत्री अरिफ याह्या ने कहा कि हमले के बाद से जकार्ता और देश के अन्य शहरों के होटलों और ट्रैवल से संबंधित कोई भी बुकिंग रद्द नहीं कराई गई है।
अरिफ ने जोर देते हुए कहा कि हमला केवल जकार्ता के एक छोटे से क्षेत्र में हुआ है और स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा, “जकार्ता और इंडोनेशिया का व्यापक क्षेत्र विदेशियों के लिए सुरक्षित है।” हालांकि उन्होंने इसकी आशंका जताई कि हमले की वजह से साल के शुरुआती दिनों में यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आ सकती है।
इंडोनेशिया का लक्ष्य 2016 में करीब 1.2 करोड़ विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने का है।
अरिफ ने कहा कि देश को मुख्य रूप से चीनी आगंतुकों की संख्या में लगातार वृद्धि का भरोसा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले सप्ताह में चीनी नववर्ष के दौरान चीन से सीधी उड़ानें और चार्टर उड़ानें शुरू की जाएंगी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इंडोनेशिया में सिंगापुर और मलेशिया के बाद सर्वाधिक विदेशी पर्यटक चीन से पहुंचते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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