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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 5 फीसदी गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजार में पिछले सप्ताह करीब पांच फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 4.69 फीसदी यानी 1,226.57 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,934.33 पर बंद हुआ, जो गत करीब 19 महीने का निचला स्तर है। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 4.54 फीसदी यानी 361.85 अंकों की गिरावट के साथ 7,601.35 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से दो गेल (0.91 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (0.86 फीसदी) में तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे टाटा मोटर्स (12.00 फीसदी), भेल (10.12 फीसदी), अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (9.70 फीसदी), मारुति (9.05 फीसदी)और लार्सन एंड टुब्रो (8.44 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी दो फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 2.25 फीसदी या 253.16 अंकों की गिरावट के साथ 10,992.26 पर और स्मॉलकैप 2.42 फीसदी या 288.78 अंकों की गिरावट के साथ 11,651.97 पर बंद हुआ।

चीन के शेयर बाजार में गत सप्ताह भारी गिरावट के कारण दुनियाभर के बाजारों में गिरावट देखी गई और भारत भी अछूता नहीं रहा। चीन के बाजार में जनवरी की शुरुआत नई सर्किट ब्रेकर प्रणाली लागू करने से हुई और इसे शुरू करने के साथ ही प्रथम कारोबारी दिन बाजार में सात फीसदी गिरावट के बाद सर्किट ब्रेकर ने दिन भर के लिए बाजार को बंद कर दिया। इसी तरह सर्किट ब्रेकर ने गुरुवार को भी सात फीसदी गिरावट के बाद बाजार को दिन भर के लिए बंद कर दिया। गत सप्ताह चीन के बाजार में करीब 12 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बाजार नियामक ने हालांकि सर्किट ब्रेकर प्रणाली को पेश किए जाने के सप्ताह भर के भीतर ही बाजार से हटा दिया, जिससे शुक्रवार को गिरावट का सिलसिला थम पाया।

चीन के बाजार में इस गिरावट से भारतीय बाजार में भी भारी गिरावट दर्ज की गई और प्रमुख सूचकांक करीब 19 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।

सोमवार 4 जनवरी को जारी निक्के ई के विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के ताजा आंकड़े के मुताबिक दिसंबर में विनिर्माण गतिविधियों में दो साल से अधिक अवधि में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। दिसंबर महीने के लिए यह सूचकांक 49.1 पर दर्ज किया गया, जो नवंबर में 50.3 पर था।

सूचकांक के 50 से नीचे रहने का मतलब विनिर्माण क्षेत्र में संकुचन या गिरावट होता है और इसके 50 से अधिक रहने का मतलब संबंधित क्षेत्र में विस्तार होता है।

बुधवार 6 जनवरी को जारी निक्के ई इंडिया कंपोजिट पीएमआई के ताजा आंकड़े के मुताबिक देश के सेवा क्षेत्र में दिसंबर महीने में विस्तार दर्ज किया गया और इसके कारण समग्र अर्थव्यवस्था में भी तेजी दर्ज की गई।

समग्र अर्थव्यवस्था के रुझान का संकेत देने वाले निक्के ई इंडिया कंपोजिट पीएमआई की दिसंबर रीडिंग बढ़कर 51.6 दर्ज की गई, जो नवंबर में 50.2 थी। निक्के ई सेवा पीएमआई की रीडिंग दिसंबर में बढ़कर 53.6 रही, जो नवंबर में 50.1 थी।

कंपोजिट पीएमआई की रीडिंग विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई के औसत से तय होती है। यह देश में विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों की करीब 700 कंपनियों से की गई पूछताछ पर आधारित होती है।

अमेरिका में गुरुवार 8 जनवरी जारी आंकड़े के मुताबिक बेरोजगारी भत्ता का दावा करने वालों की प्रारंभिक संख्या में गत सप्ताह गिरावट दर्ज की गई। इससे अर्थव्यवस्था का स्वास्थ्य बेहतर होने का पता चलता है।

अमेरिका के श्रम विभाग ने गुरुवार को कहा कि दो जनवरी को समाप्त सप्ताह में बेरोजगारी भत्ता का दावा करने वालों की प्रारंभिक संख्या मौसमी समायोजन के साथ घटकर 2,77,000 रही, जो इससे एक सप्ताह पहले के असंशोधित आंकड़े से 10 हजार कम है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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