नेशनल
एनएसजी कमांडो निरंजन का अंतिम संस्कार संपन्न
पलक्कड़| पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए एनएसजी कमांडो लेफ्टिनेंट कर्नल ई. के. निरंजन का अंतिम संस्कार मंगलवार को केरल में उनके पैतृक गांव में किया गया। पलक्कड़ जिले के एलंबलशेरी गांव में सोमवार शाम उनका शव लाया गया, जहां लोग रातभर लोग उनका अंतिम दर्शन करते रहे।देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले इस जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा रहा और तड़के सुबह भी हजारों लोग मौजूद थे। केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने सोमवार शाम एलंबलशेरी गांव आकर दिवंगत सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बेहद शांत दिख रहे निरंजन के पिता सेवानृवित्त कर्मचारी शिवरंजन ने कहा, “मेरे बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी है और मुझे उस पर गर्व है।” उन्होंने बताया, “उसका एनएसजी में तीन महीने कार्यकाल बाकी था। उसने अपनी बेटी का दूसरा जन्मदिन धूमधाम से मनाने की योजना बनाई थी, क्योंकि पहले जन्मदिन पर वह नहीं आ पाया था। उस समय वह अमेरिका में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था।” मंगलवार सुबह पारंपरिक तरीके से निरंजन का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें उसके करीबी रिश्तेदारों से लेकर कई आध्यात्मिक गुरु शामिल हुए।
केरल सरकार की तरफ से शहीद के अंतिम संस्कार में गृहमंत्री रमेश चेन्निथला शामिल हुए। राज्य सरकार ने निरंजन की याद में प्रदेश के सभी स्कूलों में सुबह 11 बजे एक मिनट का मौन रखने का निर्देश जारी किया था।वायुसेना की इकाइयों, थल सेना और केरल पुलिस ने दिवंगत सैनिक को औपचारिक विदाई थी। निरंजन अपने पीछे दंत चिकित्सक पत्नी राधिका, डेढ़ साल की बच्ची विष्मय, पिता शिवरंजन, सौतेली मां और भाई शशांक को छोड़ गए हैं। केरल सरकार ने उनके परिवार को मुआवजा देने के मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इससे पहले केरल सरकार ने उनके परिवार के लिए 30 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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