प्रादेशिक
आंचलिक विज्ञान नगरी में नवप्रवर्तन केन्द्र का लोकार्पण
नवप्रवर्तन से किया जा सकता है चनौतियों का सामनाः डा.नौटियाल
लखनऊ। यद्यपि भारत में नवप्रवर्तन की परम्परा चिरकाल से रही है, फिर भी एक देश के रूप में हमें नवप्रवर्तनसंस्कृति को बनाये रखने हेतु बहुत कुछ करने की आवश्यकता है तथा समाज में से असमानता दूर करने व न्यायोचित विकास हेतु इससे लाभान्वित होने की आवश्यकता हैं। भारत के सामने अनेक मुश्किल चुनौतियाँ हैं तथा अनेक क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा शहरीकरण आदि में अपूर्ण आवश्यकताएं हैं। नए समाधान ही हमारे देश की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए कुंजी का काम करेगें। इसी के अहसास से संभवतः इस बात का निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में नवप्रवर्तन केन्द्र खोले जाएं तथा तभी देश भर में फैली राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् ने इन्हें स्थापित करने का काम शुरू कर दिया। आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ भी इसी की एक इकाई है जहाँ नवप्रवर्तन केन्द्र की स्थापना हुई और जिसका लोकार्पण आज डा0 सी0एस0नौटियाल, निदेशक राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा किया गया।
इस अवसर पर जी0एस0 रौतेला, महानिदेशक, राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् डीण्राम शर्माए निदेशक, राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली एवं विभिन्न संस्थाओं से अन्य वैज्ञानिकगण जैसे कि डा0 अखिला आनंद, डा. डी.के. श्रीवास्तव एम.एस. राणा एवं विद्यार्थी एवं अध्यापकों से खचाखच भरे प्रेक्षागृह में किया गया। अपने संबोधन भाषण में डा. नौटियाल ने बताया कि हमारे समाज व देश में बहुत सारी कठिनाईयाँ व चुनौतियाँ सामने आ रही है जिनका हल आज के हमारे ये युवा विद्यार्थी नवप्रवर्तन के माध्यम से नई तकनीकि विकासित कर सकते हैं जोकि आने वाली चुनौतियों के लिए सक्षम होगा। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् को बधाई दी कि इस प्रकार के नवप्रवर्तन केन्द्र खोलने से निश्चित ही विद्यार्थियों की सोच और नई तकनीकि विकिसित करने में सहायक होगा।
जी.एस. रौतेला ने अपने संबोधन में नवप्रवर्तन पर आधारित बहुत सारे ऐसे सजीव उदाहरण प्रस्तुत किये जोकि आगे चलकर धीरे.धीरे आविष्कार के रूप में परिवर्तित हुए जिसका प्रयोग आज हम समाज के निर्माण व लाभार्थ के लिए निरंतर प्रयोग में ला रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग एक करोड़ की लागत से बनी इस अत्याधुनिक सुविधा मेंए इंटरनेट पर जानकारी खोजने की सुविधाए नवप्रवर्तनए आविष्कार व आविष्कारकों की उत्साहवर्धक व प्रोत्साहन देती रोचक कहानियाँए निर्माण स्टूडियो, 3डी प्रिंटिंग, प्रयोग करने के उपकरण, माडल बनाने की सुविधा व उपकरण, रोबोटिक्स, तोड़फोड़जोड़ व कबाड़ से जुगाड़ आदि उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा निर्मित यह 8वाँ नवप्रवर्तन केन्द्र है।
डीण्राम शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आंचलिक विज्ञान नगरी की गतिविधियां के बारे में विस्तृत चर्चा की तथा नवप्रवर्तन केन्द्र की अधिक से अधिक सदस्यता ग्रहण करने हेतु विद्यार्थियों एवं स्कूलों को प्रोत्साहित किया ताकि वे अपनी रूचि के अनुसार अधिक से अधिक अपने क्रियात्मक गतिविधियाँ इस नवप्रवर्तन सुविधा में संपादित कर सकें। साथ ही उन्होंने आज हमारे प्रयोग में आने वाले वैलकरो की कहानी का उदाहरण देते हुए बताया कि यह भी नवप्रवर्तन का ही एक हिस्सा है जिसे हमें अपने प्रयोग में लाने हेतु लगभग 10 वर्षों का समय लग गया। आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक उमेश कुमार ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया और बताया कि यह नवप्रवर्तन केन्द्र राष्ट्रीय अवकाशों को छोड़ कर सभी दिन कार्यरत रहेगा। विद्यार्थी वार्षिक सदस्यता भी ग्रहण कर सकते हैं तथा विद्यालय सुविधा की जानकारी हेतु समूहों में सोमवार से शुक्रवार किसी भी कार्यदिवस पर पधार सकते हैं।
उत्तर प्रदेश
हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार
हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।
इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।
शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।
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