Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

हेल्थ

सावधान! ई-सिगरेट से कैंसर का खतरा

Published

on

Loading

 

न्यूयॉर्क| सिगरेट के सुरक्षित विकल्प के तौर पर बाजार में बेचे जा रहे इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर सकने की क्षमता है, जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि निकोटिन मुक्त ई-सिगरेट मानव की कोशिकाओं में घातक बदलाव लाकर उन्हें कैंसर कोशिकाओं में तब्दील कर सकता है।

अमेरिका के सैन डिएगो में युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में पैथोलॉजी के प्रोफेसर व प्रमुख शोधकर्ता जेसिका वांग-रोडरिक्वेज ने कहा, “आज तक के सबूतों के आधार पर मेरा मानना है कि ई-सिगरेट पारंपरिक सिगरेट का बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है।” शोधकर्ताओं ने कहा, “लोगों के बीच जिस तरह ई-सिगरेट का प्रचार किया जा रहा है, यह वैसा नहीं है। यह बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।”

शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के दो मशहूर ब्रांडों के धुएं का प्रयोगशाला में मानव कोशिकाओं से संपर्क कराया। धुएं के संपर्क में न आने वाली कोशिकाओं की तुलना में धुएं के संपर्क में आनेवाली कोशिकाओं के डीएनए में क्षति पाई गई, जबकि कुछ कोशिकाएं मृत हो गईं। वैज्ञानिकों ने निकोटिन युक्त और निकोटिन मुक्त ई-सिगरेट का परीक्षण किया।

निकोटिन युक्त ई-सिगरेट लोगों को इसका आदी बनाते हैं। इनके द्वारा कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त करने के भी सबूत हैं। शोध दल ने पाया कि निकोटिन युक्त ई-सिगरेट बेहद ज्यादा क्षति करते हैं, जबकि निकोटिन मुक्त सिगरेट का धुआं कोशिकाओं में भयानक बदलाव के लिए पर्याप्त है। वांग ने कहा, “ई-सिगरेट में कुछ अन्य घटक भी होते हैं, जो इस तरह की क्षति पैदा करते हैं। इसलिए हमें कैंसर उत्पन्न करने वाले कुछ और घटकों का पहचान करने की जरूरत है।” शोध दल कैंसर पैदा करने वाले अन्य घटकों की पहचान और उसके विशिष्ट प्रभाव की जांच का प्रयास कर रहा है। बाजार में सात हजार से अधिक स्वाद वाले ई-सिगरेट के 500 ब्रांड मौजूद हैं। यह अध्ययन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, सही खानपान व व्यायाम है जरूरी

Published

on

By

heart attack

Loading

नई दिल्ली। आजकल हमें लगभग रोज ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं जिनमें बाहर से दिखने वाले एक स्वस्थ इंसान को अचानक हार्ट अटैक आता है और तुरंत ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसा वीडियो देखकर लोग डर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हार्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं।

खानपान

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं।

आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।

तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है।

जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

व्यायाम

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है।

दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा।

फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे।

अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।  जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा।

तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें

लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है।

इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।

इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

कौन सा टेस्ट कराएं

30 साल की उम्र पार करते ही शुगर, लीवर, किडनी और ईसीजी जांच करानी चाहिए.

अगर आप जिम या वर्कआउट करते हैं तो अपना हार्ट और कार्डियक चेकअप जरूर कराएं.

40 साल की उम्र के बाद स्ट्रेस टेस्ट कराएं.

ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) भी जरूरी है.

स्मोकर्स, डायबिटिक और मोटापे के शिकार लोगों को स्ट्रेस टेस्ट कराना चाहिए.

heart attack, heart attack symptoms, Follow these measures to avoid heart attack, proper diet necessary to avoid heart attack, how to to avoid heart attack,

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी मात्र सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई डाक्टरी सलाह. सटीक जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें.

 

Continue Reading

Trending