प्रादेशिक
जम्मू एवं कश्मीर में नए साल पर बर्फबारी के आसार नहीं
श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में मंगलवार को धुंध भरी व हाड़ कंपाने वाली सुबह रही। मौसम विभाग ने इस बार नए साल पर राज्य में बर्फबारी न होने के आसार जताए हैं। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि पूरी कश्मीर घाटी व लद्दाख क्षेत्र में मंगलवार को न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
अधिकारी ने कहा, “हमें जम्मू एवं कश्मीर में 31 दिसंबर तक मौसम शुष्क व सर्द बने रहने की संभावना है। रात में आसमान साफ होने के चलते न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने के आसार हैं।”
अधिकारी के अनुसार, श्रीनगर में मंगलवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 3.7 डिग्री, काजीगुंद कस्बे में शून्य से 0.6 डिग्री, पहलगाम में शून्य से 6.4 डिग्री, गुलमर्ग में शून्य से 6.6 डिग्री व कुपवाड़ा कस्बे में शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
वहीं, राज्य में लद्दाख क्षेत्र के लेह कस्बे में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। वहां न्यूनतम तापमान शून्य से 11.8 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। करगिल कस्बे में न्यूनतम तापमान शून्य से 10.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
जम्मू क्षेत्र के जम्मू में न्यूनतम तापमान सात डिग्री, कटरा कस्बे के माता वैष्णो देवी आधार शिविर में 10 डिग्री, बनिहाल में 1.2 डिग्री, बटोत में 4.4 डिग्री व भदरवाह कस्बे में 1.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जम्मू एवं कश्मीर में इस वक्त कड़ाके की सर्दी वाली 40 दिनों की अवधि चल रही है।
उत्तर प्रदेश
रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’
अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।
वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।
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