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स्पाइस ने गूगल के साथ हिंदी एंड्रॉयड वन फोन लांच किया

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Priyanka Trivedi Sharma

किफायती कीमतों में सर्वश्रेष्ठ तकनीक की पेशकश करने के अपने सिद्धांत के अनुरूप स्पाइस और गूगल ने भारत के पहले एंड्राइड वन हिंदी स्मार्टफोन को लांच किया।  हिंदी  भाषा का इस्तेमाल करने  वाले उपभोक्ताओं को  ध्यान रखते हुए इस स्मार्टफोन को लांच किया है।  स्पाइस ड्रीम यूनो एच , गूगल द्वारा हाल ही में लांच एंड्राइड वन का हिंदी संस्करण है।  जिसमें पहली बार हिंदी कीबोर्ड,लोकप्रिय गूगल उत्पादों जैसे की एंड्राइड ओएस ,क्रोम,सर्च,यूट्यूब और गूगल मैप्स के हिंदी संस्करणों के साथ वॉयस इनपुट और कई लोकप्रिय एप्लिकेशंस की खूबियां मौजूद्द है।

इस स्मार्टफोन  को खासतौर से उत्तर प्रदेश, हरियाणा,राजस्थान , बिहार और देश के अन्ये क्षेत्रों के ३०० मिलियन हिंदी भाषी लोगों के लिए  डिज़ाइन किया गया है।  किफायती तकनीक का निर्माण करने पे अपने फोकस के अनुरूप गूगल और स्पाइस ने इस क्रांतिकारी फोन को महज ६४९९ रूपए के एमओपी पर पेश किया है।  स्पाइस मोबिलिटी लिमिटेड के चीफ एक्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर प्रशांत बिंदल ने लॉन्चिंग के मौके पर कहा की ” हमें गूगल के साथ गंठबंधन पर बेहद ख़ुशी है  इस साल सितम्बर में गूगल के साथ एंड्राइड वन को सफलतापूर्वक लांच करने के बाद स्मार्टफोन को देश के हिंदी भाषी लोगों तक अधिक सुलभ बनाने की दिशा में यह हमारा कदम है।”
स्पाइस और गूगल के इस पहले एंड्राइड वन स्मार्टफोन को अब बाज़ारों के ज़रिये उपभोक्ताओं तक कितना पसंद किया जायेगा यह बात तो आगामी समय में ही साफ़ हो सकेगी , यह प्रमुख रीटेल स्टोर्स के माध्यम से भी उपलब्ध होगा।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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