Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जीएसटी पर राज्यों में सहमति बनी

Published

on

Loading

नई दिल्ली| प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति (ईसी) की सोमवार शाम को यहां हुई एक बैठक में समिति और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच सहमति बन गई। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने मंगलवार को कहा कि समझौते के ब्यौरे को सही रूप दिया जा रहा है, ताकि वित्त मंत्री संसद के चालू सत्र में इस पर संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकें।

समिति के अध्यक्ष और जम्मू एवं कश्मीर के वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “चर्चा सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।”

बैठक में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक के वित्त मंत्री मौजूद थे।

जेटली ने यहां शुक्रवार को एजेंडा आज तक कार्यक्रम में कहा था, “इस सप्ताह मैं राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश करूंगा, ताकि संशोधन विधेयक को संसद के चालू सत्र में पेश किया जा सके।”

इससे पहले गुरवार को सात राज्यों के वित्त मंत्रियों ने बैठक में जीएसटी विधेयक को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह मुआवजा, प्रवेश कर और पेट्रोलियम उत्पादों पर कर संबंधी उनकी चिंता को दूर नहीं करता है।

जेटली ने बुधवार को संसद में कहा था कि केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) घटाए जाने से राज्यों को हुए नुकसान की आंशिक भरपाई के तौर पर मौजूदा कारोबारी साल में राज्यों को 11 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे।

इससे पहले उन्होंने संसद में कहा था कि उन्होंने पहले ही राज्यों को आश्वस्त किया है कि करीब 34 हजार करोड़ रुपये के मुआवजे का पूरा भुगतान तीन साल में कर दिया जाएगा।

सीएसटी राज्यों के बीच माल की आवाजाही पर केंद्र द्वारा लगाया जाता है और इसका एक बड़ा हिस्सा राज्यों को जाता है। मुआवजे का मुद्दा इसलिए उठा, क्योंकि एक अप्रैल, 2005 को राज्य स्तर पर वैट लगाए जाने के बाद चरणबद्ध तरीके से सीएसटी को चार फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया गया है।

जीएसटी को कानून बनने से पहले संसद के दोनों सदनों में विधेयक को दो-तिहाई मतों से पारित कराना होगा और देश के 29 राज्यों में से आधे की विधायिका द्वारा भी इसे पारित कराया जाना जरूरी है।

जीएसटी के लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी, इससे पूरा देश एक विशाल बाजार बन जाएगा, जिसके कारण कारोबारियों को कारोबार फैलाने में सहायता मिलेगी और बेहतर आपूर्ति श्रंखला के कारण इससे महंगाई भी घटेगी।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के एक अध्ययन के मुताबिक जीएसटी के पूरी तरह से लागू होने से विकास दर में 0.9 फीसदी से 1.7 फीसदी तक की अतिरिक्त तेजी भी आएगी।

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

Continue Reading

Trending