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प्रादेशिक

लखनऊ में स्वाइन फ्लू से मौत, सतर्कता बढ़ाई

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वाइन फ्लू से 37 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मरीज की मौत बुधवार रात संजय गांधी पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में हुई, जो पास के ही शहर बाराबंकी का रहने वाला था।

अधिकारियों ने बताया कि पीड़ित का पिछले कुछ दिनों से अत्यधिक बुखार और खांसी के चलते एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। कुछ दिनों पहले ही उसे एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार रात उसकी मौत हो गई।

स्वाइन फ्लू के लिए उसके नमूने पॉजीटिव पाए गए। फिलहाल उसके परिवार, संबंधियों, पड़ोसियों को किसी भी संक्रमण की आशंका को देखते हुए जांच की जा रही है।

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) एस.एन.एस. यादव ने कहा, “घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, राज्य की राजधानी के स्वास्थ्य अधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं और उन मरीजों पर नजर रखी जा रही है, जिनमें एन1एन1 जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं।”

राज्य में स्वाइन फ्लू के कारण यह इस साल दूसरी मौत है। पिछले सप्ताह निराला नगर मोहल्ले में स्वाइन फ्लू से एक की मौत हो गई थी। पीड़ित की उम्र 60 साल के आसपास थी।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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