Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

हरियाणा : 200 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद रोकी गई एग्रो मॉल परियोजना

Published

on

Loading

चण्डीगढ़| किसानों के लिए खास एग्रो मॉल के निर्माण पर 200 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद अब हरियाणा सरकार ने इस परियोजना को बंद करने का फैसला किया है। इतनी लंबी-चौड़ी राशि खर्च करने के बाद सरकार को अब समझ में आया है कि मॉल के जरिए कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री व्यावहारिक नहीं है।

प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने यह फैसला किया है कि कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए बनाए गए ये मॉल अब सामान्य मॉल में तब्दील कर दिया जाएं, ताकि इनका इस्तेमाल किया जा सके।

हरियाणा में चार स्थानों, पंचकूला, करनाल, पानीपत और रोहतक, में एग्रो मॉल बनाने की शुरुआत पिछली कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने साल 2008 में की थी। इनका निर्माण 2013-14 में पूरा हो गया था।

लेकिन पिछले साल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा के कृषि मंत्री ओ. पी. धनखड़ को ये मॉल अव्यावहारिक लग रहे हैं।

हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के गृहनगर रोहतक में बनाए गए एग्रो मॉल की लागत 76 करोड़ रुपये और बाकी अन्य तीन मॉल के निर्माण पर 50-55 करोड़ रुपये की लागत आई है।

तत्कालीन सरकार ने यह निर्णय लिया था कि इन मॉल के भूतल पर कृषि उत्पाद और कृषि उपकरणों की बिक्री की जाएगी, जबकि उपरी मंजिलों पर मल्टीप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा।

धनखड़ ने बताया कि एग्रो मॉल के जरिए कृषि उत्पादों की बिक्री करना व्यावहारिक नहीं होगा। इसलिए इसका इस्तेमाल सामान्य मॉल की तरह की किया जाएगा। हालांकि इन मॉलों से जो आमदनी होगी उसे सरकार किसानों की भलाई पर ही खर्च करेगी।

हरियाणा के ये एग्री मॉल पहले भी विवादों में रहे हैं। देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने मार्च 2013 में जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि हरियाणा सरकार ने परियोजना रिपोर्ट बनाने और अन्य संबंधित काम पूरे किए बगैर ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया।

सीएजी का कहना था कि वास्तविक जरूरत, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, नक्शे की मंजूरी, रेखांकन जैसे काम पूरा किए बिना ही इन मॉल के निर्माण के ढेके दे दिए गए।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

Published

on

Loading

लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

Continue Reading

Trending