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अन्तर्राष्ट्रीय

पेशावर में स्कूल पर हमले के 4 दोषियों को फांसी

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इस्लामाबाद। बीते साल पेशावर में स्कूल पर हमले के दोषी चार आतंकवादियों को पाकिस्तान में बुधवार को फांसी दे दी गई। ‘जियो टीवी’ ने पेशावर के एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया, “आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमले में शामिल चार आतंकवादियों को बुधवार को कोहाट जिला जेल में फांसी दे दी गई।”

यह पहला मौका है जब जघन्य आतंकवादी हमले के दोषियों को फांसी पर लटकाया गया है। सैन्य प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने सोमवार को इन चारों आतंकवादियों के डेथ वारंट पर दस्तखत किए थे।

इन चारों आतंकवादियों की पहचान मौलवी अब्दुस सलाम, हजरत अली, मुजीब उर रहमान उर्फ अली उर्फ नजीबुल्ला और सबील उर्फ याह्या के रूप में की गई है। इन चारों की दया याचिका राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने अगस्त में खारिज कर दी थी।

हजरत अली स्कूल पर हमले के लिए कोष एकत्र करने का दोषी पाया गया था। नजीबुल्ला आत्मघाती हमलावरों को वाहन से लाया था जबकि सबील पाकिस्तानी आर्मी फोर्स बेस पर हमले और स्कूल पर हमले के लिए उकसाने का दोषी था। मौलवी अब्दुस सलाम को उन आत्मघाती हमलावरों को शरण देने का दोषी पाया गया था, जिन्होंने बाद में स्कूल हमले को अंजाम दिया था।

चारों आतंकवादी तौहीदवल जेहाद समूह के सदस्य थे और इन्होंने अदालत के सामने अपना गुनाह कबूल लिया था। ये फांसी उस वक्त दी गई है जब पाकिस्तान स्कूल हमले की पहली बरसी मनाने जा रहा है। यह हमला बीते साल 16 दिसंबर को हुआ था। इसमें 150 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकांश बच्चे थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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