अन्तर्राष्ट्रीय
आईएस के खिलाफ हमलों से सुरक्षित होगा ब्रिटेन : कैमरन
लंदन| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ हवाई हमलों से देश सुरक्षित बनेगा। इसका प्रतिकूल असर नहीं होगा और देश आतंकवादी हमलों का निशाना नहीं बनेगा। प्रधानमंत्री कैमरन ने गुरुवार को ब्रिटिश संसद के निचले सदन कॉमन सभा में सांसदों से सीरिया में आईएस के खिलाफ ब्रिटिश सैन्य कार्रवाई की अपनी योजना को समर्थन देने की अपील करते हुए कहा कि ब्रिटेन पहले से ही आईएस के निशाने पर है और हमें इस वक्त आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कार्रवाई करनी होगी।
कैमरन ने गुरुवार को सीरिया में ब्रिटिश हवाई हमलों की योजना से संबंधित दस्तावेज भी जारी किए, जिसमें उन्होंने लिखा है, “सीरिया और इराक में आईएस को हराने के लिए ठोस सैन्य रणनीति बनाई गई है। हमें यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि यह जल्द ही होगा। इसके लिए धर्य व दृढ़ता की जरूरत है। हम अपने लक्ष्य में कामयाब हो सकते हैं।”
ब्रिटेन की सबसे बड़ी विपक्षी लेबर पार्टी में हालांकि सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप को लेकर मतभेद हैं। लेबर पार्टी के नेता कॉरबिन का जहां मानना है कि सीरिया व इराक में ब्रिटेन की सैन्य भागीदारी का देश पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, वहीं पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने कैमरन के कदम को समर्थन देने की बात कही है।
उन्होंने लंदन में एक लाइव शो के दौरान कहा, “यह (आतंकवाद) 21वीं सदी की सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती है। इसे समाप्त करने में वक्त लगेगा। इसे विभिन्न स्तरों से समाप्त करना होगा।”
लेबर पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं का भी कहना है कि कॉरबिन के रुख से पार्टी में विद्रोह बढ़ सकता है और कई नेता इस्तीफा दे सकते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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