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बिजनेस

निवेश लाने की नीति पर चल रही सरकार : जेटली

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जयपुर। केंद्र सरकार निवेश आकर्षित करने की नीति पर चल रही है और इसके लिए सभी नियमों में उदारता लाई गई है। यह बात गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कही। जेटली ने रिसर्जेट राजस्थान पार्टनरशिप समिट-2015 को संबोधित करते हुए कहा, “पिछले कुछ महीने से भारत निवेश आकर्षित करने की नीति पर नए जोश से चल रहा है। जहां तक निवेश की बात है, हमने सभी नियमों को सरल कर दिया है।”

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कई कदमों से सरकारी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश में काफी तेजी आई है, जबकि निजी क्षेत्र का निवेश धीरे-धीरे बढ़ रहा है। जेटली ने राज्यों से कहा कि वे ‘व्यापार की सुविधा’ सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं, अन्यथा वे दूसरे ऐसे राज्यों से पिछड़ जाएंगे, जो निवेश के लिए सुधार अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्डो के भारी-भरकम कर्ज के कारण बैंक दबाव में हैं, जिसके कारण वे दूसरे क्षेत्रों को कर्ज नहीं दे पा रहे हैं। राजस्थान सरकार के श्रम सुधार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “राजस्थान को अब व्यापार की सुविधा में अग्रणी राज्य बनने की कोशिश करना चाहिए, जहां भूमि आसानी से उपलब्ध हो जाती है और आसानी से मंजूरी मिलती है।”

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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