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ठगने वाला व्‍यक्ति देश का प्रधानमंत्री हैः स्‍वामी अधोक्षजानंद

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पुरी पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज, अरूणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री नबाम टुकी, अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील राज्‍य, नरेंद्र मोदी, बिहार चुनाव, देश में बढ़ती असहिष्‍णुता, सांप्रदायिक सौहार्द

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लखनऊ। देश के हालात को लेकर समाज का सभी वर्ग अपनी-अपनी सोच रखता है और सभी की सोच महत्‍व रखती है, अब वह सोच सरकारों के माफिक होती हैं या नहीं यह अलग बात है। इसी क्रम में पुरी पीठाधीश्वर स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने अपने विचार खुलकर हमसे साझा किए। आज की खबर को दिए गए एक टेलीफोनिक इंटरव्‍यू मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि देशवासियों को लगता है कि वे ठगे गए हैं और ठगने वाला व्‍यक्ति देश का प्रधानमंत्री है। बात शुरू हुई अरूणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री नबाम टुकी के पिछले दिनों स्‍वामी जी से मुलाकात करने के मुद्दे पर।इस पर स्‍वामी जी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री भी सद्भावना भेंट के लिए गोवर्धन आए हुए थे। अरुणाचल प्रदेश एक संवेदनशील राज्‍य है, यहां का जो स्‍थायित्‍व है, रीति नीति है वो देश के स्‍थायित्‍व को प्रभावित करती है।

राजनैतिक चर्चा को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि जब राजनैतिक व्‍यक्ति बैठेंगे तो चर्चा होना लाजिमी है। वैसे अरूणाचल के‍ विकास को लेकर ही ज्‍यादातर चर्चा हुई है। मुख्‍यमंत्री नबाम टुकी ने प्रदेश के विकास के लिए काफी काम किया है। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के विकास को लेकर जो सलाह उन्‍हें दी गई थी उस पर उन्‍होंने अमल किया है और जनहित की कई योजनाएं चलाई हैं। केंद्र सरकार द्वारा नार्थ-ईस्‍ट के प्रति काफी सारे वादे किए जाने के प्रश्‍न पर स्‍वामी जी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अरूणाचल प्रदेश को कोई मदद नहीं दी जा रही है, प्रदेश काफी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है लेकिन नरेंद्र मोदी के तमाम झूठ वादों की तरह अरूणाचल भी उनके झूठ वादों का शिकार हुआ है जबकि पूर्व की केंद्र सरकारे अरूणाचल प्रदेश को विशेष राज्‍य के तौर पर देखती थीं।

नरेंद्र मोदी को झूठा और ठग व्‍यक्ति बताते हुए स्‍वामी जी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के लोग मोदी के झूठ वादों से बहुत निराश हैं जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों से बाढ़ के दौरान तमाम वादे किए गए थे लेकिन कोई वादा पूरा नहीं किया गया। इसी तरह पूरे देशवासियों से लोकसभा चुनावों के दौरान जो भी वादे किए गए थे वह पूरे नहीं किए। झूठी अफवाहें, झूठे वादे को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध बताते हुए उन्‍होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्‍यक्ति ऐसा कार्य करता है तो अपराध और संगीन हो जाता है। मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्‍याल करना चाहिए।

बिहार चुनाव पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा‍ कि चुनाव पूर्व वहां के लोगों से भी वादे किए गए हैं जोकि नहीं पूरे किए जाएंगे। वैसे बिहार की जनता ने भाजपा को अच्‍छा सबक सिखाया है और आने वाले आसाम व उत्‍तराखंड के चुनावों एवं देश के सभी चुनावों में उनका यही हाल होने वाला है।

देश में बढ़ती असहिष्‍णुता को गंभीर चुनौती बताते हुए स्‍वामी जी का कहना है कि सांप्रदायिक सौहार्द हर हाल में कायम रहना चाहिए क्‍योंकि विभिन्‍न स्‍थानों पर मेहनत मजदूरी करके अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले लोगों को इससे बहुत नुकसान होता है, कुछ संगठन इस सांप्रदायिक सौहार्द को समाप्‍त करने पर तुले हुए है ऐसे में हम धर्मगुरूओं की भी जिम्‍मेदारी बनती है कि उन्‍हें रोकें। नार्थ-ईस्‍ट के लोगों के खिलाफ देश के विभिन्‍न भागों के होने वाले भेदभाव पर स्‍वामी जी ने कहा कि यहां भी केंद्र सरकार फेल हुई है उन्‍होंने यह वादा किया था कि सरकार में आने के बाद ऐसी घटनाओं को हम रोकेंगे लेकिन पिछले दिनों अरूणाचल प्रदेश के एक पूर्व विधायक निदो पवित्रो के बेटे को नस्‍लीय भेदभाव के चलते बेरहमी में पीट-पीटकर मार दिया गया।मोदी सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए उन्‍होंने कहा कि बिहार जैसे ही नतीजे पूरे देश में आएंगे।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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