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गोपालदास नीरज ने पुरस्कार लौटाने की मंशा पर उठाए सवाल

आगरा। देशभर में साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने की गतिविधियों के बीच प्रख्यात कवि गोपालदास नीरज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकार झूठ बोल रहे हैं। ये सब मोदी को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि साहित्य की उपासना करना सत्य की उपासना है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के अध्यक्ष गोपाल दास नीरज ने आगरा में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि साहित्यकार मोदी के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं। इन साहित्यकारों को कांग्रेस के राज में पुरस्कार मिला था और अब वही इनसे ये पुरस्कार लौटाने का काम करवा रही है। इससे कांग्रेस की ही बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार लौटाने वालों में से कुछ ने ही राशि लौटाई है। अन्य सभी क्यों नहीं लौटा देते हैं। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे लोगों ने आखिर पेंशन भी क्यों नहीं लौटाई।
गोपालदास नीरज ने कहा कि पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकार झूठ बोल रहे हैं। साहित्यकारों को चाहिए कि यदि उन्हें किसी मामले का विरोध करना है तो कविता लिखें और कथा लिखें। वरिष्ठ कवि एवं लेखक ने सवाल उठाते हुये कहा, “आखिर सांप्रदायिकता कहां है। मोदी ने अपने मुंह से सांप्रदायिक बातें तो नहीं की है। मैंने भी इमरजेंसी के दौरान सत्ता का विरोध किया था, लेकिन उस वक्त मैंने कविताएं और गीत लिखे थे। इससे समाज को एक संदेश दिया था।”
उन्होंने कहा कि गोमांस पर विवाद नहीं होना चाहिए। भारतीय संस्कृति में गाय को माता माना गया है। कृष्ण गाय को चराते थे। मां के दूध के अलावा गाय ही है जिसका दूध बच्चे से बड़ों को फायदा पहुंचाता है। नीरज ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए। सारे विवाद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने यूपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जितना साहित्यकारों के लिए किया उतना किसी ने नहीं किया। अब पेंशन भी दे दिया है।
नेशनल
पीएम मोदी का ट्वीट, ये वक्त शांति बरतने का, अफवाहों से बचें

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के कई जगहों पर हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर देश में शांति और हिंसक प्रदर्शन न करने को कहा है। प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन सार्वजनिक प्रॉपर्टी को नुकसाना पहुंचाना और आम जीवन को प्रभावित करना लोकतंत्र का हिस्सा नहीं है।
‘प्रधानमंत्री ने लिखा कि ये वक्त शांति बरतने और एकता दिखाने का है। मैं सभी से अपील करता हूं कि ऐसे वक्त में किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से बचें।
पीएम ने लिखा, ‘नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास किया गया है। बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया है। ये एक्ट भारत की पुरानी संस्कृति जो कि भाईचारा सिखाती है, उसका संदेश देती है।’
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