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अन्तर्राष्ट्रीय

आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के लिए धन जुटा रहा टीएएनए

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वाशिंगटन| तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (टीएएनए) आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए धन जुटा रहा है। टीएएनए तेलुगू लोगों का सबसे पुराना एवं बड़ा एसोसिएशन है। तेलुगू एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका 22 अक्टूबर को रखी जाने वाली नई राजधानी की नींव के कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर ‘माय ब्रिक-माय अमरावती’ अभियान के तहत अमरावती के विकास में योगदान देने के इच्छुक सभी गैर-प्रवासी तेलुगू लोगों से दान प्राप्त लेगा।

माय ब्रिक-माय अमरावती अभियान ‘अमरावती डॉट गव डॉट इन’ पर लांच किया गया है। इस अभियान में दान देने के इच्छुक लोगों को प्रत्येक ईंट 10 रुपये में मिलेगी। इस तरह दानकर्ता अमरावती के विकास में कम से कम 10 रुपये का योगदान दे सकेगा।

टीएएनए के अध्यक्ष वी. चौधरी जंपाला ने कहा कि वेबसाइट फिलहाल भारत से बाहर के लोगों से धन प्राप्त करने में सक्षम नहीं है।

उत्तरी अमेरिका में ऐसे बहुत से गैर-प्रवासी तेलुगू भाषी लोग रहते हैं, जिन्होंने अमरावती के विकास में योगदान देने और इस अभियान से जुड़ने की इच्छा जताई है।

टीएएनए दानकर्ताओं की सूची सहित प्राप्त दान राशि को आंध्र प्रदेश सरकार को सौंपेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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