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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में इराकी बच्चे को मदद का आसरा

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हांग्झू। सभी नवजात बच्चों की तरह 20 महीने का अदेल भी चलने, खेलने और अपने आसपास की गतिविधियों को जानने का इच्छुक है, लेकिन उसका अब तक का पूरा समय अस्पताल में ही गुजरा है। उसकी छोटी आंत की लंबाई सामान्य से बहुत कम है और अब तक तीन आपरेशन हो चुके हैं। अब आंत प्रत्यारोपण ही उसकी जिंदगी बचा सकती है लेकिन इसमें खतरा कहीं ज्यादा है।

अदेल के शरीर में छोटी आंत की लंबाई सामान्य से बहुत कम है और चिकित्सकों ने अदेल के माता-पिता को स्पष्ट शब्दों में बता दिया था कि वह दस दिन से अधिक जिंदा नहीं रह सकता।

अदेल के पिता अब्दुलकदेर अल कुबैसी ने कहा, “मैं आखिरी क्षण तक उसकी देखभाल करूंगा।” अदेल का जन्म पिछले साल 30 जनवरी को झेजियांग के हांग्झू में हुआ था। उस दौरान अदेल के पिता अपने कारोबार के सिलसिले में चीन में ही थे। अदेल के जन्म पर वे उत्सव मना सकते। इससे पहले ही चिल्ड्रन हॉस्पिटल ऑफ झेजियांग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन्स के चिकित्सकों ने अदेल के स्वास्थ्य के बारे में उन्हें बताया। अदेल की छोटी आंत की लंबाई सिर्फ 20 सेंटीमीटर है। यह आमतौर पर दो से तीन मीटर लंबी होती है।

अदेल के पिता ने कहा, “यह मेरा पहला बच्चा है। मैं इसे मरते हुए नहीं देख सकता।” तीन ऑपरेशन के बाद अदेल चीन में पहला नवजात है, जो छोटी आंत के सामान्य नहीं होने के बिना ही जीवित है। हालांकि, अदेल को इस जिंदगी की एक कीमत चुकानी पड़ी। इस दौरान अदेल ने घर के बजाए अस्पताल में ही समय बिताया।

अस्पताल के नवजात गहन चिकित्सा विभाग के उपनिदेशक मा शियालू ने कहा, ” वह काफी प्यारा है। बड़ी-बड़ी आंखें और लंबी पलकें।” अपनी अधूरी पाचन प्रणाली की वजह से अदेल ठोस खाद्य पदार्थ नहीं खा सकता। इसके बजाए वह तरल पदार्थो पर आश्रित है। उसे खाना निगलने, चबाने और चूसने में भी दिक्कत होती है। उसके दांत उसकी समान उम्र के बच्चों की तुलना में कम तेजी से बढ़ रहे हैं।

चिकित्सक मा ने कहा, “आंत प्रत्यारोपण के बिना वह शायद जीवित नहीं रहे। यह दोधारी तलवार है। क्योंकि इतनी कम उम्र के बच्चों के लिए आंत प्रत्यारोपण काफी जोखिमभरा है। इसमें जीवित बचने की संभावना लगभग 25 प्रतिशत है।”

अदेल ने पिता ने मदद की आस के लिए अमेरिका, जर्मनी, भारत और कनाडा के अस्पतालों से संपर्क किया लेकिन कुछ लाभ नहीं हुआ।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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