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हेल्थ

मप्र : जापानी सहयोग से अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर

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बैतूल| देश में सौर ऊर्जा से संचालित पहला ऑक्सीजन जनरेटर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आदिवासी बहुल इलाके पाढर के अस्पताल में जापान सरकार की मदद से लगाया गया है। यह अस्पताल ईसाई समुदाय की ईएलसी समिति द्वारा संचालित है। पाढर अस्पताल प्रबंधन द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी में कहा गया है कि जापान ग्रांट असिस्टेंट फॉर ग्रासरूट प्रोजेक्ट (जीजीपी) योजना के तहत सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला ऑक्सीजन जनरेटर सिस्टम यहां लगाया गया है। इस जनरेटर के लगने से जिले के गरीब मरीजों को लाभ होगा।

जापान के महावाणिज्यदूत योशिआको इटो सहित अन्य अतिथियों ने यहां मंगलवार को आयोजिज एक कार्यक्रम में सौर ऊर्जा संचालित ऑक्सीजन जनरेटर, नवीनीकृत आईसीयू और एनआईसीयू का विधिवत शुभारंभ किया। पाढर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजीव चौधरी ने कहा जापान सरकार द्वारा आदिवासी बहुल बैतूल जिले के छोटे-से ग्राम पाढर में देश का पहला सौर ऑक्सीजन जनरेटर लगाना न सिर्फ इस जिले के लिए बल्कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है। इससे अब हमें भोपाल या नागपुर से गैस सिलेंडर नहीं बुलवाना पड़ेगा। इससे जिले और प्रदेश के मरीजों के उपचार में आसानी होगी।

जापान के महावाणिज्यदूत योशिआकी इटो ने कहा कि यह पहल जापान सरकार के भारत के साथ रिश्ते और प्रगाढ़ बनाने में मददगार साबित होगी। जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर बी. पाटील ने भी जापान सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए जिले के अन्य अस्पतालों में भी इस प्रकार के संयंत्र लगवाने की संभावनाएं तलाशने की बात कही। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के संचालक डॉ. फैज अहमद किदवई ने पाढर अस्पताल द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए भविष्य में प्रदेश के अन्य अन्य जिलों में भी मिशन के कार्य करवाने का आश्वासन दिया। पुलिस अधीक्षक राकेश जैन ने भी अपने अनुभव साझा किए।

 

लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, सही खानपान व व्यायाम है जरूरी

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heart attack

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नई दिल्ली। आजकल हमें लगभग रोज ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं जिनमें बाहर से दिखने वाले एक स्वस्थ इंसान को अचानक हार्ट अटैक आता है और तुरंत ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसा वीडियो देखकर लोग डर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हार्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं।

खानपान

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं।

आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।

तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है।

जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

व्यायाम

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है।

दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा।

फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे।

अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।  जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा।

तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें

लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है।

इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।

इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

कौन सा टेस्ट कराएं

30 साल की उम्र पार करते ही शुगर, लीवर, किडनी और ईसीजी जांच करानी चाहिए.

अगर आप जिम या वर्कआउट करते हैं तो अपना हार्ट और कार्डियक चेकअप जरूर कराएं.

40 साल की उम्र के बाद स्ट्रेस टेस्ट कराएं.

ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) भी जरूरी है.

स्मोकर्स, डायबिटिक और मोटापे के शिकार लोगों को स्ट्रेस टेस्ट कराना चाहिए.

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी मात्र सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई डाक्टरी सलाह. सटीक जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें.

 

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