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अन्तर्राष्ट्रीय

अपहृत पाकिस्तानी विधायक हसन को बचाया गया

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पेशावर| पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता राणा जमील हसन को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है, जिनका इस साल के शुरुआत में अपहरण कर लिया गया था। यह जानकारी सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट के अनुसार, प्रांतीय विधायक राणा जमील हसन उर्फ ‘गुडो खान’ को कानून प्रवर्तक एजेंसियों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमाक्षेत्र से छुड़ाया। उन्हें इस समय फ्रंटियर कांस्टेबुलरी (एफसी) बल की सुरक्षा में रखा गया है।

खबर पख्तूनख्वा के गवर्नर सरदार मेहताब अहमद खान के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, हसन को जल्द ही उनके घर सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि अधिकारियों ने हसन को ढूंढ निकाला या वे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमाक्षेत्र में पाए गए।

हसन का अपहरण का 31 मई 2014 को पंजाब प्रांत के शेखपुरा के पास एक मोटरवे से हुआ था।

वह अपनी पत्नी के साथ इस्लामाबाद से अपने शहर बुचेकी जा रहे थे, तभी दो कारों में बैठे लोगों ने उनका वाहन रोका और उन्हें बाहर खींच लिया। अपहरणकर्ताओं ने उनकी पत्नी का भी अपहरण किया था, लेकिन उन्हें कुछ घंटो बाद छोड़ दिया था।

अपहरणकर्ताओं ने हसन की रिहाई के बदले पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।

खबर पख्तूनख्वा के गवर्नर ने मेहताब ने कानून प्रवर्तक एजेंसियों को हसन के बचाव अभियान की सफलता के लिए बधाई दी और विधायक को सुरक्षित उनके घर पेशावर पहुंचाने का निर्देश दिया।

इस बात की जानकारी हालांकि नहीं मिल पाई है हसन की रिहाई के लिए फिरौती की रकम चुकाई गई या नहीं और उनके अपहरण के पीछे किस समूह का हाथ था।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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