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बिजनेस

सरकार के प्रयासों से विनिर्माण क्षेत्र मजबूत होगा : सीआईआई

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नई दिल्ली| भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सोमवार को कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए की जा रही सरकार की कोशिश से इस क्षेत्र में तेजी से विकास होगा। परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “इस उद्योग में आशा का संचार हुआ है और नई पहलों के प्रति भरोसा देखा जा रहा है। मौजूदा तिमाही के एस्कॉन सर्वेक्षण का परिणाम उत्साहवर्धक है।”

उन्होंने कहा, “उद्योग जगत हालांकि अब भी यह महसूस कर रहा है कि विनिर्माण में पूरी तेजी की वापसी में समय लगेगा, फिर भी कारोबार करने की सुविधा और सुशासन पर सरकार के लगातार ध्यान से आखिरकार भारत विनिर्माण का एक मजबूत गढ़ बनेगा।”

परिसंघ ने कहा कि जुलाई-सितंबर 2014 के इसके ताजा सर्वेक्षण से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है और गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले आज अधिक क्षेत्रों में सकारात्मक विकास हो रहा है।

सीआईआई एस्कॉन सर्वेक्षण के मुताबिक सर्वेक्षण किए गए 59 क्षेत्रों में आलोच्य अवधि में तेजी विकास दर्ज करने वाले क्षेत्रों का अनुपात साल-दर-साल आधार पर 26.08 फीसदी से बढ़कर 30.4 फीसदी हो गया।

इसी दौरान कम या नकारात्मक विकास दर्ज करने वाले क्षेत्रों का अनुपात 73.90 फीसदी से घटकर 69.48 फीसदी हो गया है।

सर्वेक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने कहा कि 9-10 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए विनिर्माण क्षेत्र का सालाना विकास 14-15 फीसदी होना चाहिए।

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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