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प्रादेशिक

केंद्र दे रहा कट्टरपंथ को बढ़ावा : प्रकाश करात

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बांदा | मार्क्‍सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार देश में कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा दे रही है, ये ताकतें समाज में गोहत्या का झूठा प्रचार कर मुस्लिमों को निशाना बना रही हैं। करात ने बांदा जिले के बड़ोखर खुर्द गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “केंद्र सरकार की शह पर देश में कट्टरपंथी ताकतों को बढ़वा दिया जा रहा है और ये ताकतें समाज में गोहत्या का झूठा प्रचार कर मुस्लिमों को निशाना बनी रही हैं। दादरी में अखलाक की मौत इसी का नतीजा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि “विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हनुमान सेना, दुर्गावाहिनी जैसे हिंदूवादी संगठन केंद्र सरकार की शह पर काम कर रहे हैं।” करात ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर तंज कसते हुए कहा कि “बेहिसाब विदेश यात्राओं से देश में विदेशी पूंजी आने वाली नहीं है| देश की अंदरूनी प्रगति के लिए काम होना चाहिए।”

कालेधन के मसले पर भाजपा और केंद्र सरकार को घेरते हुए माकपा नेता ने कहा कि करोड़ों रुपये के इस मामले को उजागर करने में हीलाहवाली की जा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा, “भाजपा वहां युवाओं को लैपटॉप व स्कूटी का लालच देकर सत्ता पर कब्जा करना चाहती है, जबकि बिहार में बुनियादी समस्याएं जैसे कृषि, औद्योगीकरण, बेरोजगारी, पलायन और कानून व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन भाजपा को इन सबसे कोई सरोकार नहीं है, वह भावनाओं को भड़काकर और लोगों को बहकाकर वोट बटोरना चाहती है।”

 

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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